पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज के लिए अब ज्यादा समय नहीं बचा है। सीरीज का पहला मुकाबला पर्थ में खेला जाएगा। पर्थ की पिच का अर्थ निकालने के लिए पाकिस्तान ने अनोखा तरीका अपनाया है। पर्थ की पिच अपनी पेस और बाउंस के लिए जानी जाती है और यहां ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों का सामना करने के लिए पाकिस्तान के बल्लेबाज खास अभ्यास कर रहे हैं।
पाकिस्तान ने पत्थर रखकर किया अभ्यास
ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट पत्रकार लुई कैमरन ने ट्विटर पर पाकिस्तान की इस खास तरकीब का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी बल्लेबाज नेट्स में मार्बल (पत्थर) रखकर अभ्यास कर रहे हैं। मार्बल से गेंद को ज्यादा बाउंस मिलता है और यही पाकिस्तानी बल्लेबाजों के लिए अहम चुनौती है। मोहम्मद रिजवान ने खास तौर पर इसका अभ्यास किया जिससे उन्हें सीम मूवमेंट समझने में मदद मिली।
पाकिस्तान 28 साल से ऑस्ट्रेलिया में नहीं जीता कोई मुकाबला
पाकिस्तान सीरीज में जीत के साथ आगाज चाहेगा। 1995 के बाद से उसने ऑस्ट्रेलियाई जमीन पर एक भी मैच नहीं जीता है। वह पर्थ में इस इंतजार को खत्म करना चाहेंगे। ऑस्ट्रेलिया में पिछली पांच टेस्ट सीरीज में पाकिस्तान को क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा है। हालांकि पाकिस्तान ने अपने पिछले सात में से छह टेस्ट मैचों में जीत हासिल की है जिससे उसका आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है।
पर्थ के मुख्य क्यूरेटर आइजैक मैकडॉनल्ड के अनुसार ‘तेज, सख्त और उछालभरी’ सतह के कारण और अधिक घास हटाए जाने की उम्मीद है। पिछली गर्मियों में ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच खेले गए निराशाजनक टेस्ट में धीमी पिच के बाद ग्राउंड स्टाफ पर दबाव बढ़ गया था, जो 5वें दिन तक चला।