पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने अंडर-19 विश्व कप सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ मिली जीत के बाद भारतीय टीम की तारीफ की है। उन्होंने कहा हिंदुस्तान जीता है इन्हें शाबाशी देनी चाहिए, इन्हें थपकी भी देनी चाहिए। इसी दौरान उन्होंने युवा बल्लेबाज यशस्वी जयसवाल की जमकर तारीफ करते हुए कहा, “भारतीय खिलाड़ी जयसवाल अपना गांव छोड़कर मुंबई में क्रिकेट खेलने आए। वह दूध वाली डेयरी में सोता था। जो आज अंडर-19 क्रिकेट में दो शतक लगाया है। वह गुजारे के लिए गोलगप्पे बेचा करते थे।” शोएब ने कहा जिस बैकग्राउंड से आकर उसने जो कर दिखाया है उससे लगता है कि कोई है जो दुनिया फतह कर सकता है तो उसका नाम यशस्वी जायसवाल है। पाकिस्तानी खिलाड़ियों को भी जायसवाल के इतिहास से कुछ सीखने की सलाह दी है। ‘जो श्रेष्ठता और उत्कृष्टता के पीछे भाग रहा और पैसा उसके पीछे भाग रहा है।’
रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर अख्तर ने आगे कहा कि प्रियम गर्ग की कप्तानी वाली भारतीय टीम के शानदार प्रदर्शन के बाद कहा कि भारतीय क्रिकेट सुरक्षित हाथों में है। मंगलवार को भारत ने दक्षिण अफ्रीका में खेले जा रहे अंडर-19 विश्व कप के पहले सेमीफाइनल में पाकिस्तान को 10 विकेट से हराकर लगातार तीसरी बार फाइनल में प्रवेश किया। अख्तर ने पाकिस्तान की फील्डिंग की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसा खेलकर टीम इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने का हकदार नहीं है।
हालांकि अख्तर ने अपने यूट्यूब चैनल पर पाकिस्तान के प्रयास की भी सराहना की। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान की अंडर-19 टीम को सेमीफाइनल में पहुंचने पर बधाई। यह एक अच्छा प्रयास था लेकिन फाइनल में पहुंचने के लिए यह काफी नहीं। पाकिस्तान ने बहुत खराब फील्डिंग की। अंडर-19 के खिलाड़ी होने के बावजूद आप फील्डिंग के दौरान छलांग नहीं लगा सकते? वे फाइनल में पहुंचने के हकदार नहीं थे। वहीं दूसरी ओर भारतीय टीम को सेमीफाइनल में जीत की बहुत-बहुत बधाई।”
उन्होंने कहा, “उन्होंने शानदार जीत दर्ज की। भारतीय टीम सभी प्रशंसा की हकदार है। और उन्हें यह बताया जाना चाहिए कि उस टीम में कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं जो बेशक भविष्य में सीनियर स्तर पर भारत का प्रदर्शन कर सकते हैं। मैं यह देखकर बहुत खुश हूं कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य बहुत सुरक्षित हाथों में है।” वहीं पाकिस्तान को लेकर उन्होंने कहा कि यहां हैदर अच्छा खेलते हैं लेकिन बाकी में टेक्निकल फॉल्ट्स हैं आप चौका मारने जाते हैं तो आपको यही नहीं पता होता है आपको सिंगल कब लेना है…और कौन समझाए इन बच्चों को। इसके बाद उन्होंने जायसवाल की शानदार खेल तकनीति का उदाहरण दिया।

