इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) एलीट पैनल के पूर्व अंपायर पाकिस्तान के असद रऊफ का 14 सितंबर 2022 की रात कार्डियक अरेस्ट के चलते निधन हो गया। लाहौर में 12 मई 1956 को जन्में असद रऊफ ने अपने करियर में 64 टेस्ट मैच में अंपायरिंग की। इसमें 49 में मैदानी अंपायर, जबकि 15 में टीवी अंपायर के रूप में अपनी सेवाएं दीं।
असद रऊफ (Asad Rauf) ने इसके अलावा 139 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय और 28 टी20 इंटरनेशनल (T-20 International) मुकाबलों में भी अंपायरिंग की। असद रऊफ ने पाकिस्तान के नेशनल बैंक और रेलवे की तरफ से 71 प्रथम श्रेणी मैच भी खेले थे। बाद में वह अंपायर बने थे। उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में भी अंपायरिंग की थी, लेकिन साल 2013 में सट्टेबाजों से साठगांठ होने के चलते भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने उन पर प्रतिबंध लगा दिया था।
साल 2013 में उनका करियर तब खत्म हो गया जब मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग में उन्हें आरोपी बनाया। तब रऊफ आईपीएल में अंपायरिंग कर रहे थे। वह तब आईपीएल को बीच में ही छोड़कर भारत से चले गए थे। बाद में चैंपियंस ट्रॉफी से भी हट गए थे। इसके बाद उन्हें आईसीसी एलीट पैनल से बाहर कर दिया गया था।
असद रऊफ बाद में लाहौर (Lahore) के लांडा बाजार (Landa Bazar) में जूते-कपड़ों की एक दुकान चलाने लगे थे। दुनिया न्यूज ने असद रऊफ के भाई ताहिर के हवाले से बताया कि आईसीसी एलीट पैनल के पूर्व अंपायर लाहौर में लांडा बाजार स्थित अपनी दुकान बंदकर घर लौट रहे थे। तभी उन्हें बेचैनी महसूस हुई और सीने में दर्द होने लगा। उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष रमीज राजा ने ट्वीट करके कहा, ‘असद रऊफ के निधन का समाचार सुनकर बहुत दुखी हूं। वह न सिर्फ अच्छे अंपायर थे, बल्कि उनमें हास्य का पुट भी भरा पड़ा था। वह मेरे चेहरे पर हमेशा मुस्कान बिखेर देते थे। जब भी मुझे उनकी याद आएगी तो वह ऐसा करेंगे। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।’
असद रऊफ ने हाल ही में एक पाकिस्तानी (Pakistani) समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें अब क्रिकेट में कोई दिलचस्पी नहीं है। असद रऊफ ने कहा था, ‘जब मैंने सारी उमर खिलाते हुए गुजार दी तो अब किसको देखना है।’ यह पूछने पर कि क्या वह इन दिनों खेल से जुड़े हुए हैं, असद रऊफ बोले थे कि वह 2013 के बाद क्रिकेट से बिल्कुल ही जुड़े हुए हैं। उनकी दलील थी कि जब वह कोई काम छोड़ देते हैं तो उसे छोड़ ही देते हैं।
बीसीसीआई (BCCI) की अनुशासन समिति ने असद रऊफ को भ्रष्ट आचरण और खेल को बदनाम करने का दोषी पाया था। असद रऊफ पर सट्टेबाजों से महंगे उपहार लेने और आईपीएल 2013 के दौरान मैच फिक्सिंग मामले में होने का आरोप था।
असद रऊफ ने मैच फिक्सिंग आरोपों पर कहा था, ‘बाद में आए इन मुद्दों को छोड़ दिया जाए तो मैं अपना सर्वश्रेष्ठ समय आईपीएल में ही बिताया था। सट्टेबाजों से मेरा कोई लेना देना नहीं था। बीसीसीआई ने ही मुझ पर आरोप लगाए और उसने ही फैसला ले लिया।’