भारतीय कुश्ती महासंघ ने गुरुवार (12 मई) को इस बात से इनकार किया कि उसने भारतीय ओलंपिक संघ को ओलंपिक संभावितों की कोई सूची भेजी है जिसमें सुशील कुमार का नाम नहीं है। महासंघ ने कहा कि दो बार के पदक विजेता सुशील अभी भी दौड़ में है। महासंघ ने स्पष्ट किया कि युनाइटेड विश्व कुश्ती में यह आम चलन है कि विभिन्न ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंटों में अपने अपने भारवर्ग में कोटा हासिल कर चुके खिलाड़ियों की सूची आईओए को भेजी जाती है।
इसने कहा कि सूची में सुशील का नाम नहीं होने के यह मायने नहीं है कि वह रियो नहीं जाएगा। इसने कहा कि अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ट्रायल के बाद इस पर फैसला लेंगे। डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा,‘‘संभावित खिलाड़ियों की सूची डब्ल्यूएफआई ने नहीं बल्कि युनाइटेड विश्व कुश्ती ने भेजी है। सभी ट्रायल पूरे होने के बाद विश्व कुश्ती को उन पहलवानों की सूची भेजी जाती है जो अपने अपने भारवर्ग में कोटा हासिल करते हैं।’’
उन्होंने इस बात का कोई जवाब नहीं दिया कि पुरुषों की 74 किलो फ्रीस्टाइल कुश्ती में सुशील या नरसिंह यादव में से कौन भारत का प्रतिनिधित्व करेगा। उन्होंने कहा कि ट्रायल पर फैसला अभी बाकी है।’’ तोमर ने कहा,‘‘अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष इस पर फैसला लेंगे कि ट्रायल होंगे या नहीं और कब होंगे लिहाजा सुशील के जाने या नहीं जाने का सवाल ही नहीं उठता।’’
नरसिंह ने पिछले साल लास वेगास में विश्व चैम्पियनशिप में 74 किलोवर्ग में कांस्य पदक जीतकर भारत के लिए ओलंपिक कोटा स्थान हासिल किया था। उसके बाद से वह ओलंपिक के लिए लगातार दावा कर रहे हैं जबकि पूर्व विश्व चैम्पियन सुशील कुमार ने ट्रायल की मांग की है। सुशील ने 66 किलो फ्रीस्टाइल में बीजिंग ओलंपिक 2008 में कांस्य और लंदन ओलंपिक 2012 में रजत पदक जीता था। विश्व ईकाई द्वारा भारवर्गों में बदलाव के बाद वह 74 किलोवर्ग में उतर रहे हैं। नरसिंह 2012 लंदन ओलंपिक में 74 किलो फ्रीस्टाइल वर्ग में उतरे थे।
