राष्ट्रीय स्तर के टेबल टेनिस खिलाड़ी विश्व दीनदयालन की जून में इंटर स्टेट टूर्नामेंट के लिए शिलांग जाते समय एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। एक महीने से ज्यादा समय गुजरने के बाद भी उनके माता-पिता को मुआवजे का इंतजार है। खेलो इंडिया के तहत मिलने वाला इंश्योरेंस कवर को स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) से उन्हें अबतक कोई जवाब नहीं मिला है। 17 अप्रैल को गुवाहाटी से शिलांग जाते समय 18 वर्षीय खिलाड़ी की मौत से खेल जगत बड़ा झटका लगा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर समेत अन्य लोगों ने शोक व्यक्त किया था।
विश्व के पिता दीनदयालन ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि बीमा कवरेज के मुद्दे पर खेल मंत्रालय और साई को पत्र लिखे तीन सप्ताह से अधिक समय हो गया है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। उन्होंने भावुक होकर कहा, ” हमें विश्व से काफी उम्मीदें थीं। वह मुझसे कहता रहा कि वह इस साल विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई कर लेगा। मैं भगवान से प्रार्थना करता था कि वह मुझे तब तक जीवित रखे जब तक मैं उसे ओलंपिक में खेलते हुए नहीं देखता। लेकिन वह अब नहीं रहा। हमने सब कुछ खो दिया है।”
58 वर्षीय दीनदयालन 2020 में चेन्नई में एक मल्टीनेशनल कंपनी के एचआर विभाग की नौकरी खोने के बाद बेरोजगार हैं। उनकी पत्नी अनुराधा शहर में अपने घर चलातीहैं। उन्होंने कहा “हम अपनी बचत से गुजर बसर कर रहे हैं।” द इंडियन एक्सप्रेस के संपर्क करने पर साई ने कहा कि विश्व को नियमों के तहत कवर नहीं दिया गया था क्योंकि वह “नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस या खेलो इंडिया से मान्यता प्राप्त अकादमी में अंतिम चक्र (1 जून, 2021 से 31 मई 2022) में ट्रेनी नहीं थे।
तमिलनाडु का यह खिलाड़ी सब-जूनियर और जूनियर राष्ट्रीय चैंपियन था और सीनियर इंडिया टीम का हिस्सा था। एक उभरते हुए सितारे के तौर पर देखा जाने वाला खिलाड़ी चेन्नई के कृष्णास्वामी टीटी क्लब में प्रशिक्षण लेता थ, जो एक गैर-मान्यता प्राप्त केंद्र है। खेलो इंडिया वेबसाइट पर अपलोड किया गया एक दस्तावेज के अनुसार मान्यता प्राप्त या गैर-मान्यता प्राप्त अकादमियों के कारण कोई फर्क नहीं पड़ता। गैर-मान्यता प्राप्त अकादमियों में प्रशिक्षित खेलो इंडिया एथलीट (केआईए) को फंडिंग के तहत बताया गया है कि उन्हें बीमा दावे का लाभ भी दिया जाएगा।
दीनदयालन ने कहा कि उन्होंने “दस्तावेज देखा है कि सभी खेलो इंडिया एथलीटों का बीमा किया गया था” और इसके बारे में “अखबारों में पढ़ा”। वह चाहते हैं कि सरकार मामले को “सहानुभूतिपूर्वक” देखे क्योंकि जब दुर्घटना हुई तो उनका बेटा “नेशनल ड्यूटी पर” था।। अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किए गए मानदंडों के बारे में पूछे जाने पर साई ने कहा, “1 जून, 2021 से 31 मई, 2022 तक बीमा चक्र में साई नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और खेलो इंडिया मान्यता प्राप्त केंद्रों में खेलो इंडिया एथलीटों का बीमा किया गया था। गैर-मान्यता प्राप्त अकादमी में प्रशिक्षण लेने वाले एथलीटों को खुद से बीमा लेने पर इसके क्लेम की रीइंबर्समेंट की अनुमति दी गई थी। ”
विश्व के पिता का कहना है कि उन्हें इस नीति से अवगत नहीं कराया गया था। “अगर ऐसा होता, तो हमें बताया जाना चाहिए था और हम निजी बीमा लेते और आवश्यक दस्तावेज जमा करते।” खेलो इंडिया (KI) कार्यक्रम 2018 में जमीनी स्तर पर खेलों को विकसित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। समिति द्वारा चुने गए होनहार खिलाड़ियों को अन्य लाभों के अलावा प्रति वर्ष 5 लाख की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। साई ने अपने बयान में कहा कि वह परिवार की मदद करेगा। उसने परिवार को युवा मामले और खेल मंत्रालय से दीनदयाल उपाध्याय कोष के तहत एकमुश्त अनुदान के लिए आवेदन करने की सलाह दी है। इस फंड के तहत एक एथलीट कुल मिलाकर लगभग 5 लाख रुपये का हकदार होता है।