इस साल के ओलंपिक खेलों के लिए सुशील कुमार और नरसिंह पंचम यादव में से एक को चुनने के लिए चयन ट्रायल कराने को लेकर दोराहे पर खड़े भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्लूएफआइ) के इस पेचीदा संकट को सुलझाने के लिए मंगलवार (17 मई) को बैठक करने की उम्मीद है। महासंघ के एक सूत्र ने बताया कि एक बैठक मंगलवार को होने की उम्मीद है जिसमें पूरी संभावना है कि इस पर फैसला होगा कि चयन के लिए ट्रायल कराए जाएं या नहीं। सुशील ने खेल मंत्रालय और कुश्ती महासंघ दोनों को पत्र लिखा है। सूत्र ने बताया कि उनके इस मामले को चयन समिति को रेफर किया जाएगा जिसके बाद फैसला होगा कि ट्रायल्स कराए जाएं या नहीं। महासंघ ने अगर ट्रायल की उनकी मांग स्वीकार नहीं की तो यह 32 वर्षीय पहलवान खेल मंत्री सर्वानंद सोनोवाल से संपर्क करने पर विचार कर रहा है।
अधिकारी ने बताया कि मंगलवार (17 मई) को, चयन समिति से सुशील के आग्रह पर विचार करने को कहा जाएगा, जिन्होंने ट्रायल कराने के लिए पत्र लिखा है। इसलिए चयन समिति पर निर्भर होगा कि ट्रायल कराया जाए या नहीं। वह जो भी फैसला करती है, महासंघ इससे सहमत होगा। नरसिंह ने पिछले साल लास वेगास में विश्व चैंपियनशिप में 74 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीतने के बाद ओलंपिक कोटा स्थान हासिल किया था। महाराष्ट्र के नरसिंह अपने स्थान के लिए दावा ठोकते आ रहे हैं जबकि दो ओलंपिक पदक जीतने वाले सुशील ने ट्रायल की मांग की है, जिससे पता चलेगा कि रियो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कौन करेगा।
ऐसी भी अटकलें लगायी जा रही हैं कि महासंघ भी पुरुष 74 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में ट्रायल नहीं कराए क्योंकि इससे कुछ अन्य पहलवान भी अन्य वजन वर्गों में ट्रायल की मांग करेंगे। किसी परेशानी से बचने के लिए कुश्ती महासंघ ने खेल मंत्रालय से फैसला लेने को कहा है। हालांकि मंत्रालय ने गेंद महासंघ के पाले में डाल दी है। सूत्र ने बताया कि महासंघ ने खेल मंत्रालय से अंतिम फैसला लेने को कहा, लेकिन मंत्रालय ने महासंघ के मामलों में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और उसे खुद फैसला करने के लिए कहा।
पूर्व मुख्य कोच विनोद कुमार सोनीपत में साई के केंद्र में सुशील को ट्रेनिंग करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि महासंघ ने खुद इस पूर्व विश्व चैंपियन से कहा था कि वे ट्रायल्स के लिए तैयार रहें। विनोद कुमार ने कहा कि पिछले एक साल से सुशील का एकमात्र लक्ष्य रियो के लिए तैयारी करना है। सरकार ने उन पर काफी खर्चा किया है और यहां तक कि महासंघ ने भी उन्हें अभ्यास करते रहने के लिए प्रेरित किया। महासंघ ने अगर पहले सुशील को बता दिया होता कि नरसिंह रियो जाएंगे तो वह इतने सारे बलिदान नहीं करता और इतनी मेहनत नहीं करता। उन्होंने कहा कि हम जल्द से जल्द ट्रायल चाहते हैं। सुशील पूरी तरह से फिट है।