लगातार दूसरे साल पद्म भूषण पुरस्कार की अनदेखी किये जाने के बाद 16 बार के विश्व चैम्पियन क्यू खिलाड़ी पंकज आडवाणी ने कहा कि वह नहीं जानते कि उन्हें इस सम्मान को हासिल करने के लिये क्या करना चाहिए। आडवाणी ने पिछले साल आठ विश्व खिताब अपने नाम किये, कर्नाटक सरकार और भारतीय बिलियर्ड्स एवं स्नूकर महासंघ ने देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार के लिये उनके नाम की सिफारिश की थी। भारत के महान क्यू खिलाड़ियों से एक आडवाणी ने फिर से इन पुरस्कारों के लिये अनदेखी किये जाने के बाद ज्यादा कुछ नहीं कहा लेकिन उन्होंने अपनी बात सोशल मीडिया पर साझा की।
आडवाणी ने खेल मंत्री विजय गोयल द्वारा इस हफ्ते के शुरू में पुणे में 28वां राष्ट्रीय खिताब जीतने पर बधाई दिये जाने के जवाब में ट्वीट किया, ‘शुक्रिया सर। 16 विश्व खिताबों और दो एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक के बाद अगर मेरी पद्म भूषण के लिये अनदेखी होती है तो मुझे नहीं पता कि मुझे क्या करना चाहिए।’ इस साल पद्म भूषण के लिये किसी खिलाड़ी को नहीं चुना गया है जबकि विभिन्न खेलों के आठ एथलीटों को देश के चौथे सबसे बड़े सम्मान पद्म श्री दिया जायेगा जिसमें विराट कोहली और दीपा करमाकर शामिल हैं। आडवाणी को 2009 में पद्म श्री दिया गया था। आडवाणी को भारत के सबसे बड़े खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न (2006) से भी नवाजा गया था।
बीएसएफआई के सचिव एस बालासुब्रमण्यम को लगता है कि पद्म भूषण के लिये आडवाणी से बेहतर कोई मौजूदा खिलाड़ी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘यह सुनकर बहुत दुख होता है कि उसकी फिर से अनदेखी की गयी। यह साल दर साल हो रहा है। यह उसके लिये ही नहीं बल्कि खेल जगत के लिये यह दुखद है। लगता है कि इन पुरस्कारों को हासिल करने के लिये ‘लॉबिंग’ काम कर रही है। अगर आप प्रदर्शन के आधार पर देखो तो पंकज को इसे कई साल पहले ही दे दिया जाना चाहिए था। कोई ऐसा खिलाड़ी बताईये जो पंकज की तरह लगातार विश्व खिताब जीत रहा हो। हालांकि हम अगले साल फिर कोशिश करेंगे।’

