गोवा के दो बड़े क्लबों स्पोर्टिंग क्लब डि गोवा और सलगावकर एफसी के देश के शीर्ष घरेलू टूर्नामेंट से हटने के बाद मोहन बागान और ईस्ट बंगाल ने आईलीग फुटबॉल क्लबों की अनदेखी करने के लिए शुक्रवार (24 जून) को अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को फटकार लगाई। ईस्ट बंगाल के सचिव कल्याण मजूमदार ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, ‘यह ताबूत में एक और कील है। अब आईलीग में खेलने के लिए क्या बचा है। अब अध्यक्ष और उनके साथियों को आईलीग खेलनी चाहिए।’

एआईएफएफ के फ्रेंचाइजी आधारित लीग आईएसएल को देश का शीर्ष टूर्नामेंट बनाने में उत्सुक होने के बाद गोवा के ये दो क्लब पुणे एफसी, भारत एफसी और रायल वाहिंगदोह जैसे नाराज क्लबों की सूची में शामिल हो गए जिन्होंने आईलीग से नाता तोड़ा है। मजूमदार ने हालांकि यह साफ नहीं किया कि उनका अगला कदम क्या होगा।

उन्होंने कहा, ‘एआईएफएफ स्पष्ट नहीं है कि वह क्या करना चाहता है। उन्हें हमें सूचित करना चाहिए था। आप दिल्ली डाइनामोज जैसी टीमों की तुलना ईस्ट बंगाल से नहीं कर सकते। आप इतिहास की तुलना कर सकते हो।’ मोहन बागान के महासचिव अंजन मित्रा ने इसे काला दिवस करार देते हुए सभी राज्य संघों की आपात बैठक बुलाने को कहा। उन्होंने कहा, ‘हमें इस बदइंतजामी का हल निकालना होगा। सभी राज्य संघों को एक साथ बैठकर सौहार्दपूर्ण तरीके से कदम उठाने चाहिए, अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम कानूनी रास्ता अपनाएंगे।’

एआईएफएफ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुब्रत दत्ता ने सलगावकर और स्पोर्टिंग क्लब के आईलीग से हटने के फैसले को दुर्भाग्यशाली करार दिया। दत्ता ने कहा, ‘यह दुखद फैसला है। मैं इसे लेकर काफी दुखी हूं और मैं दोनों क्लबों से आग्रह करूंगा कि अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के बारे में सोचें।’