भारतीय पहलवान नरसिंह यादव पर खेल पंचाट ने डोपिंग के मामले में चार साल का बैन लगा दिया। खेल पंचाट के फैसले के बाद भारत की डोपिंग रोधी एजेंसी की सुनवाई पर सवाल खड़े हुए हैं। नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी(नाडा) ने कुश्‍ती एसोसिएशन के दावे को मान लिया था कि नरसिंह के खिलाफ साजिश रची गई। वहीं खेल पंचाट के फैसले में लिखा गया है कि नरसिंह ने डोप किया था ना कि साजिश के शिकार थे। इसमें कहा गया था भारतीय पहलवाल ने जानबूझकर प्रतिबंधित चीज को टेबलेट के रूप में लिया।

खेल पंचाट के तीन सदस्‍यीय पेनल ने नरसिंह के उस दावे को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि उनके पानी में प्रतिबंधित दवा मिलाई गई। पेनल ने कहा कि टेस्‍ट में प्रतिबंधित दवा इसलिए सामने आया क्‍योंकि मेथांडिएनोन की एक या दो टेबलेट ली गई थी। साजिश रचे जाने के दावे पर कहा गया, ”पेनल ने साजिश की बात को संभव माना लेकिन इसको लेकर कोई पुख्‍ता सबूत नहीं मिला।” खेल पंचाट का फैसला पूरी तरह से नाडा से अलग था। एक अगस्‍त को नाडा के डीजी नवीन अग्रवाल ने बताया था कि नरसिंह की इस मामले में कोई गलती नहीं। उन्‍होंने साजिश रचे जाने की बात का भी समर्थन किया था।

अगर प्रतिबंध की समीक्षा नहीं हुई तो मेरा कैरियर खत्म है: नरसिंह यादव

खेल पंचाट ने किस तरह नाडा के फैसले को किया खारिज:
दाल में पाउडर मिलाने की बात पर नाडा ने माना था कि सुशील कुमार के साथी जितेश ने नरसिंह की दाल में गड़बड़ी की। वहीं खेल पंचाट ने कहा कि नरसिंह के शरीर में मेथांडिएनोन की वजह से प्रतिबंधित चीज मिली न कि मिलावट वाली दाल से।

एनर्जी ड्रिंक मे मिलावट की बात भी नाडा ने मानी थ। इसक आरोप भी जितेश पर लगा। खेल पंचाट ने कहा मेथांडिएनोन कभी पानी में नहीं घुलता। अगर मिलाया जाता तो यह साफ दिखता।

रूममेट के भी पॉजीटिव पाए जाने की थ्‍योरी पर नाडा ने कहा कि दोनों के पानी में मिलावट की गई। खेल पंचाट ने कहा कि नरसिंह और उसके साथी के प्रतिबंधित दवा लेने में 12-20 घंटे का फासला है।