भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक 2024 में ब्रॉन्ज मेडल जीता। यह भारत का हॉकी में बैक टू बैक मेडल है। इस मेडल के लिए टीम ने काफी मेहनत की। टीम को क्वार्टर फाइनल मैच 10 खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ा क्योंकि अमित रोहिदास को रेड कार्ड मिला था। ब्रॉन्ज जीतने के बाद रोहिदास से जब उस घटना के बारे में पूछा गया तो वह भावुक हो गए।

अमित रोहिदास का छलका दर्द

अमित रोहिदास ने एक मीडिया संस्थान को दिए गए इंटरव्यू में कहा, ‘उस दिन जो कुछ भी हुआ वह जानबूझकर मैंने नहीं किया। मैं अब भी जानता मुझसे वह कैसे हुआ। अभी भी मैं सोचता हूं तो बहुत बुरा लगता है। हालांकि टीम ने जो खेल कर दिखाया 10 आदमी से वह शानदार था। टीम ने वहां दो-दो रिकॉर्ड बनाए। हमने 52 साल बाद ऑस्ट्रेलिया को हराया। वहीं ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ 43 मिनट तक 10 खिलाड़ियों के साथ खेलें। मौजूदा समय में यह बहुत बड़ी बात है।’

रोहिदास को मिला था रेड कार्ड

रोहिदास की क्वार्टर फाइनल मैच के दूसरे क्वार्टर के दौरान रेड कार्ड मिला था। वह गेंद लेकर भाग रहे थे और ब्रिटिश फॉरवर्ड विल कैलनन पीछे से टैकल करने की कोशिश कर रहे थे। रोहिदास ने मिडफील्ड में भिड़ंत से बचने की कोशिश की। इस दौरान उनकी हॉकी स्टिक ऊंची उठ गई और कैलनन के चेहरे पर लग गई। मैदान पर मौजूद रेफरी ने शुरू में इस घटना को गंभीर उल्लंघन नहीं माना। हालांकि, वीडियो रेफरल के बाद निर्णय को पलट दिया गया और रोहिदास को रेड कार्ड दिया गया।

हरमनप्रीत सिंह ने दिलाई थी बढ़त

सबसे पहले भारतीय कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने दूसरे क्वार्टर में गोल करके टीम को 1-0 की बढ़त दिलाई। इसके बाद ब्रिटेन की टीम ने दूसरे क्वार्टर में ही बराबरी का गोल दागकर स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया। भारतीय टीम ने फिर महज 10 खिलाड़ियों के साथ इस स्कोर को आखिर तक बनाए रखा। मैच पेनल्टी शूटआउट ऑफ में पहुंचा। भारत ने 4-2 से यह मैच अपने नाम करिया।