वेंकट कृष्णा बी। क्रिकेट केवल बल्ले और गेंद का खेल ही नहीं, बल्कि अंकों और आंकड़ों का खेल भी है। खासकर तब, जब कई टीमों वाले टूर्नामेंट में अंक तालिका में जगह बनाने के लिए टीमों का प्रदर्शन बराबरी पर आ जाए। अब तक इसके लिए जिस पद्धति का इस्तेमाल होता था, वह नेट रन रेट है, लेकिन लंबे समय से इस पद्धति को लेकर सवाल उठते रहे हैं।

इन्हीं सवालों का हल निकालने के लिए कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) ने हाल ही में एक नया फॉर्मूला अपनाया है। हाल ही में संपन्न महारानी टी20 कप में एक नया नेट रिलेटिव रन रेट मैथेड (NRRR) शुरू किया गया। यह मौजूदा नेट रन रेट (NRR) मैथेड की जगह नया तरीका है। इसकी सफलता के बाद मेजबान कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ ने महाराजा टी20 कप में भी NRRR मैथेड लागू किया।

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पैनल में शामिल अंपायर केशव एस. कोल्ले और गणितज्ञ वी जयदेवन ने मिलकर NRRR को तैयार किया है। वी जयदेवन ही वह शख्स हैं, जिन्होंने VJD मैथेड (डकवर्थ-लुईस-स्टर्न मैथेड का वैकल्पिक संस्करण) तैयार किया था। बीसीसीआई (BCCI) घरेलू टूर्नामेंट्स में बारिश से प्रभावित मुकाबलों के लिए VJD मैथेड का इस्तेमाल करता है। अब NRRR को भी एक संभावित विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है।

नेट रन रेट (NRR) क्या है?

नेट रन रेट (NRR) का इस्तेमाल पहली बार 1992 विश्व कप में हुआ था। जब दो या अधिक टीमें अंकों की दौड़ में बराबरी पर होती हैं, तब उनकी रैंकिंग तय करने के लिए NRR का सहारा लिया जाता है। विश्व कप या आईपीएल जैसे कई टीमों वाले टूर्नामेंटों में क्वालिफाइंग से नॉकआउट तक टीमों का भाग्य तय करने के लिए अक्सर नेट रन-रेट पर निर्भर रहना पड़ता है। आईपीएल जैसी लीग में अक्सर टीमों की क्वालिफाई करने की उम्मीदें उनके अंतिम मुकाबलों पर टिकी होती हैं। टीमें पहले से जानती हैं कि उन्हें कितने ओवरों में लक्ष्य हासिल करना होगा या क्वालिफाई करने के लिए एक निश्चित अंतर से हार से बचने की जरूरत है।

नेट रनरेट (NRR) की खामियां

नेट रन रेट की गणना करने के तरीके को लेकर कुछ समस्याएं रही हैं। नेट रन रेट (NRR) की गणना इस आधार पर की जाती है कि कोई टीम कितनी तेजी से रन बनाती है और उसके खिलाफ कितनी तेजी से रन बनाए गए हैं। बहु-टीम टूर्नामेंटों में, नेट रन रेट सभी मुकाबलों में रन बनाने और रन देने की कुल दर को देखता है। लेकिन नेट रन रेट में खोए हुए विकेटों को शामिल नहीं किया जाता। अगर आप कोई मैच जीत भी जाते हैं, तो भी इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपका नेट रन रेट सकारात्मक रहेगा।

उदाहरण

एक विकेट के अंतर से जीतने वाली टीम का नेट रन रेट उस टीम से ज्यादा हो सकता है जो ज्यादा विकेट लेकर बड़े लक्ष्य का पीछा करती है। संक्षेप में, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कितने विकेट गिरे हैं, बस लक्ष्य का पीछा करते हुए बचे हुए ओवरों का फर्क पड़ता है। इस तरह मान लीजिए किसी टी20 मैच में टीम ए 80 रन पर ऑलआउट हो जाती है। टीम बी लक्ष्य का पीछा करती है और 9 विकेट पर 81 रन बना लेती है, वह भी सिर्फ 10 ओवरों में। नेट रन रेट के हिसाब से टीम ए का NRR -4.10 और टीम बी का नेट रनरेट +4.10 होगा, जबकि टीम बी एक समय नौ विकेट गंवाकर लगभग हार ही गई थी, लेकिन NRR उसे बहुत बड़ा फायदा दिखा रहा है।

नया फार्मूला: नेट रिलेटिव रन रेट (NRRR)

इसमें सिर्फ रन और ओवर ही नहीं, बल्कि गिरे हुए विकेटों को भी शामिल किया जाता है। इसके लिए वीजेडी (VJD) या डीएलएस (DLS) जैसी पद्धति का सहारा लिया जाता है, जो अलग-अलग परिस्थितियों में ‘पार स्कोर’ बताती है।

यदि ऊपर दिए गए उदाहरण को NRRR की नजर से देखें तो टीम बी का रिलेटिव रन रेट +0.088 होगा। वहीं, टीम ए का रिलेटिव रन रेट -0.088 होगा। इसका मतलब है कि अब अंतर सिर्फ 0.176 का रह गया। यानी टीम ए अपने अगले मैच में लगभग 17-20 रन की जीत से पिछला घाटा पाट सकती है। यह एक ज्यादा संतुलित और निकट परिणाम है।

क्यों बेहतर है NRRR?

  1. विकेटों का महत्व: क्रिकेट में विकेट खोना बड़ा फैक्टर है, लेकिन NRR इसे अनदेखा कर देता है। NRRR इसे सही जगह देता है।
  2. न्यायपूर्ण मौका: NRRR की वजह से कोई भी टीम बड़े अंतर से पिछड़ने के बाद भी टूर्नामेंट में वापसी का वास्तविक मौका रखती है।
  3. गणितीय संतुलन: यह तरीका केवल रन गति पर नहीं, बल्कि परिस्थितियों (ओवरों और विकेटों) पर आधारित होता है, जिससे यह वास्तविक खेल के अधिक करीब है।

NRRR को पहली बार महारानी T20 कप में आजमाया गया और सफल रहने पर इसे महाराजा T20 कप में भी लागू किया गया। अब देखना होगा कि क्या बीसीसीआई इसे बड़े घरेलू टूर्नामेंट्स या भविष्य में आईपीएल जैसी लीग में भी आजमाता है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आईसीसी अब भी डीएलएस को ही मान्यता देता है और वीजेडी को पहले ही खारिज कर चुका है। फिर भी, भारत में यह प्रयोग क्रिकेट की गणना को एक नई दिशा दे सकता है।