भारत के ओलंपिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तिरंगा फहराया। नीरज चोपड़ा ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। नीरज ने जैवलिन थ्रो इवेंट में में 88.17 मीटर के थ्रो के साथ यह उपलब्धि हासिल की। नीरज ने पिछले साल इस चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था। केवल यही वह चैंपियनशिप थी जहां नीरज ने गोल्ड नहीं जीता था। हालांकि रविवार को उन्होंने अपने साथ-साथ देश का भी इंतजार खत्म किया। नीरज ने इसके साथ ही अभिनव बिंद्रा जैसा बड़ा रिकॉर्ड कायम किया।
उनके अलावा भारत के किशोर जेना पांचवें स्थान पर रहे जिन्होंने अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 84.77 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंका। वहीं डी पी मनु छठे स्थान पर रहे जिनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 84 . 14 मीटर का था । यह पहली बार हुआ जब शीर्ष छह में तीन भारतीय शामिल रहे।
भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
वर्ल्ड चैंपियनशिप में यह पहली बार हुआ है कि शीर्ष आठ में तीन भारतीय रहे हों । 25 साल के चोपड़ा ने पहला प्रयास फाउल रहने के बाद दूसरे प्रयास में अपना दिन का सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंका । इसके बाद उन्होंने 86. 32 मीटर, 84 . 64 मीटर , 87 . 73 मीटर और 83 . 98 मीटर के थ्रो फेंके। पाकिस्तान के अरशद नदीम ने 87 . 82 मीटर के सत्र के अपने सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ सिल्वर और चेक गणराज्य के याकूब वालेश ने कांस्य पदक जीता जिनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 86.67 मीटर का था।
अभिनव बिंद्रा के रिकॉर्ड की बराबरी की
चोपड़ा ने फाउल के साथ शुरू किया लेकिन दूसरे प्रयास में बढत बनाई जो अंत तक कायम रही। पाकिस्तान के नदीम भी तीसरे दौर के बाद दूसरे स्थान पर आ गए और आखिर में पहले दो स्थान इन्हीं दोनों को मिले। निशानेबाज अभिनव बिंद्रा के बाद एक ही समय पर ओलंपिक और विश्व चैम्पियनशिप जीतने वाले चोपड़ा दूसरे भारतीय बन गए । बिंद्रा ने 23 वर्ष की उम्र में विश्व चैम्पियनशिप और 25 वर्ष की उम्र में ओलंपिक स्वर्ण जीता था । टोक्यो में 2021 ओलंपिक में एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले चोपड़ा पहले भारतीय बने।
रिले टीम ने रचा इतिहास
इस बीच एशियाई रिकॉर्ड तोड़ते हुए पहली बार फाइनल के लिए क्वालीफाई करने वाली भारत की पुरुष चार गुणा 400 मीटर रिले टीम फाइनल में पांचवें स्थान पर रही । भारत के मोहम्मद अनस याहिया, अमोज जैकब, मोहम्मद अजमल वारियाथोडी और राजेश रमेश की चौकड़ी ने फाइनल में दो मिनट 59 . 92 सेकंड का समय निकाला। पारूल चौधरी ने नौ मिनट 15 . 31 सेकंड का राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया लेकिन महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेस में 11वें स्थान पर रही । इससे पहले रिकॉर्ड ललिता बाबर (9 :19.76) के नाम था जो 2015 विश्व चैम्पियनशिप में आठवें स्थान पर रही थी ।