हरियाणा को भारत में खेल के मामले में सबसे आगे समझा जाता है। इस राज्य ने देश को ओलंपिक में इकलौता गोल्ड मेडलिस्ट एथलीट भी दिया है। नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में विश्व स्तर का हर बड़ा खिताब अपने नाम किया है। हालांकि, जब इसी राज्य को एथलेटिक्स में देश की सबसे बड़ी खेल प्रतियोगिता आयोजित करनी थी तो उसके पास स्पॉन्सर नहीं था। ऐसे में नीरज चोपड़ा ही संकटमोचक बने और अपनी जेब से नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप का खर्चा उठाया।
हरियाणा एथलेटिक्स के पास नहीं थे स्पॉन्सर
हरियाणा को बीते साल अंतर-राज्यीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेजबानी करनी थी। यह टूर्नामेंट देशा का एथलेटिक्स का सबसे बड़ा टूर्नामेंट है। इस प्रतियोगिता का गोल्ड मेडलिस्ट नेशनल चैंपियन कहलाता है। इंटर-स्टेट चैंपियनशिप कराने के लिए हरियाणा एथलेटिक्स को स्पॉन्सर्स (प्रायोजकों) की जरूरत थी, लेकिन उन्हें कोई स्पॉनसर नहीं मिल रहा था। हरियाणा एथलेटिक्स के सचिव राजकुमार मिटान ने बताया कि इस मुश्किल समय में नीरज चोपड़ा ने फेडरेशन की मदद की थी।
नीरज चोपड़ा से मांगी गई मदद
राजकुमार मिटान ने नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप के आयोजन की यादें जनसत्ता से शेयर कीं। उन्होंने बताया, फेडरेशन कप के दौरान मैं भुवनेश्वुर में नीरज चोपड़ा से मिला। नीरज 3 साल बाद भारत में किसी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने आा था। उन्होंने बताया, ‘हमें इंटर-स्टेट के लिए स्पॉन्सर नहीं मिल रहा था। भुवनेश्वर में जब मेरी मुलाकात नीरज चोपड़ा से हुई तब उससे कहा कि वह जेएसडब्ल्यू (नीरज चोपड़ा को मैनेज करने वाला ग्रुप) से बात करे। नीरज ने कहा कि वह कोशिश करेगा लेकिन यह संभव नहीं हो पाया।’
नीरज चोपड़ा ने दिए पांच लाख रुपए
जेएसडब्ल्यू ने नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप का स्पॉन्सर करने में रुचि नहीं दिखाई, लेकिन नीरज अपने राज्य की फेडरेशन को मुश्किल में नहीं देख सकते थे। उन्होंने खुद ही मदद करने का फैसला किया और अपने चाचा भीम चोपड़ा को यह जिम्मेदारी दी। राजकुमार ने बताया, ‘प्रतियोगिता से कुछ समय पहले मुझे नीरज के चाचा भीम चोपड़ा का फोन आया। उन्होंने कहा कि नीरज फिलहाल विदेश में है, लेकिन वह चाहता है कि मैं आपको प्रतियोगिता के लिए पांच लाख रुपये भेजूं। मैं आपके अकाउंट में पैसे भेज रहा हूं। उस धनराशि से हमें प्रतियोगिता आयोजित करने में काफी मदद हुई।’
अब भी मुश्किल में है हरियाणा एथलेटिक्स फेडरेशन
बता दें कि फंड की कमी के कारण ही हरियाणा को फेडरेशन कप 2025 की मेजबानी छोड़नी पड़ी। एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने प्रस्तावित शेड्यूल में फेडरेशन कप 2025 की मेजबानी हरियाणा को दी थी। हालांकि, जनवरी 2025 में एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की सालाना आम बैठक (एजीएम) में हरियाणा ने मेजबानी लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने इसके पीछे एसोसिएशन के पास फंड की और स्पॉन्सर न होने का कारण बताया।