टीम इंडिया को दूसरे वनडे मैच में 22 रनों से हार का सामना करना पड़ा। इस मुकाबले में मिली हार के बाद टीम इंडिया ने तीन मैचों की वनडे सीरीज भी गंवा दी है। कीवी टीम 2-0 की बढ़त बनाए हुए है। इस मुकाबले में टीम इंडिया को भले ही हार का सामना करना पड़ा हो लेकिन नवदीप सैनी ने निचले क्रम में आकर जिस तरह की बल्लेबाजी की वह चर्चा का विषय है। जडेजा के साथ जब सैनी बल्लेबाजी कर रहे थे तब लग रहा था कि भारत इस मुकाबले को जीत लेगा। लेकिन सैनी ने आखिरी वक्त पर अपना विकेट गंवा दिया।
भारत को जीत के लिये 274 रन का लक्ष्य मिला और सैनी ने आठवें विकेट के लिये जडेजा के साथ 76 रन की साझेदारी की। लेकिन, उनके आउट होने से टीम की उम्मीद टूट गई। सैनी ने काइल जैमीसन पर छक्का जड़ा लेकिन अगली ही गेंद पर बोल्ड हो गये।
कप्तान विराट कोहली भी उनके छक्का जड़ने के बाद सैनी को शांत रहने का इशारा करते दिखे। सैनी ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जब मैं जाकर वीडियो देखूंगा तो मुझे पछतावा होगा। अगर मैं आउट नहीं होता तो शायद नतीजा अलग हो सकता था। मुझे पछतावा होगा कि मैं इतने करीब पहुंच गया और शायद थोड़ा और करीब पहुंच गया होता।
‘If I hadn’t lost my wicket, the result could have been different’, said #NavdeepSaini following India’s loss against New Zealand in the 2nd ODI in Auckland.#NZvIND pic.twitter.com/xK7An86pud
— Cricbuzz (@cricbuzz) February 8, 2020
उन्होंने कहा कि हमें लगता कि विकेट सपाट था और अगर हम अंत तक रहते तो मैच करीबी हो सकता था। इसलिए हम जितना संभव हो, योगदान देने की कोशिश कर रहे थे और मैच को अंत तक ले जाने के प्रयास में थे। जडेजा ने मुझे कहा कि अगर तुम्हें बाउंड्री लगाने के लिये गेंद मिलती है तो ऐसा करना। वरना एक या दो रन लेते रहना और संयमित बने रहो, हम मैच को अंत तक ले जा सकते हैं।
सैनी ने मैच से पहले नेट पर काफी बल्लेबाजी अभ्यास किया था और इसका उन्हें फायदा हुआ। उन्होंने 49 गेंद में 45 रन की पारी खेली जिसमें पांच चौके और दो छक्के जड़े थे। इस तेज गेंदबाज ने कहा कि निचले क्रम के लिये टीम की जरूरत के समय रन जुटाने में योगदान करना अहम है।
सैनी ने कहा कि यह अच्छी चीज है कि निचला क्रम इस तरह खेल रहा है। अगर हर कोई प्रदर्शन करता है तो इसे टीम प्रयास कहा जाता है। अगर बल्लेबाज रन नहीं जुटा पाते तो गेंदबाजों को अच्छा करना चाहिए। अगर गेंदबाज विकेट नहीं चटका रहे तो क्षेत्ररक्षकों को मदद करनी चाहिए।
आखिर में यह टीम है। उन्होंने कहा कि मैं सोच रहा था कि मुझे लंबे समय बाद बल्लेबाजी का मौका मिल रहा है। जैसे ही मैंने बाउंड्री लगायी, मैं हैरान हो गया कि गेंद अच्छी तरह बल्ले पर आ रही थी।