प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार यानी 13 मार्च को दिव्यांग तैराक सत्येंद्र सिंह लोहिया से मुलाकात की। सत्येंद्र कैटलीन चैनल पार करने वाले पहले एशिया के पहले दिव्यांग तैराक हैं। कैटलीना चैनल अमेरिका मे 42 किलोमीटर लंबा है। सत्येंद्र ने यह उपलब्धि पिछले साल अगस्त में हासिल की थी। उनके साथ पांच अन्य खिलाड़ी भी टीम में शामिल थे। टीम ने मिलकर कैटलीना चैनल को 11 घंटे और 33 मिनट में पार किया था।
सत्येंद्र मध्यप्रदेश के ग्वालियर के रहने वाले हैं। प्रधानमंत्री ने उनसे मुलाकात के बाद कहा, ‘‘मैंने सत्येंद्र सिंह लोहिया से मुलाकात की। वे एक बेहतरीन पैरा-तैराक हैं। उन्होंने अब तक कई पुरस्कार जीते हैं। उनकी जीवन यात्रा कई लोगों को प्रेरित कर सकती है। कुछ समय पहले वे कैटलीना चैनल को तैर कर पार कर गए थे।’’ सत्येंद्र ने ग्वालियर में ही तैराकी सीखी थी। वे फिलहाल इंदौर में सरकारी नौकर कर रहे हैं।
सत्येंद्र को मध्यप्रदेश में विक्रम अवॉर्ड दिया जा चुका है। वे नेशनल तैराकी में भी चैंपियन रह चुके हैं। सत्येंद्र कैटलीन चैनल पार करने से पहले इंग्लिश चैनल को भी पार कर चुके हैं। उन्होंने यह उपलब्धि 2017 में हासिल की थी। वे ऐसा करने वाले देश के पहले पैरा-स्विमर बने थे। सत्येंद्र दोनो पैरों से दिव्यांग हैं। उन्होंने भिंड जिले में वेसली नदी में तैराकी सीखी थी।
सत्येंद्र के मुताबिक, कैटलीना चैनल में रात में तैराकी करनी पड़ती है। दरअसल, इस चैनल को पार करना सबसे मुश्किल माना जाता है। इसका कारण यह है कि यहां दिन में तेज हवाएं चलती हैं। इसकी गहराई का भी अंदाजा लगाना मुश्किल होता है। इसलिए एथलीट्स यहां रात को ही तैराकी करना पसंद करते हैं। सत्येंद्र ने पिछले साल 19 अगस्त को सुबह 10.57 बजे से सेंट कैटलीना आइसलैंड से तैरना शुरू किया था। उनकी तैराकी रात 10:30 बजे लॉस एंजिल्स में खत्म हुई थी।