श्रीलंका के महान स्पिनर मुथैया मुरलीधरन का कहना है कि मौजूदा भारतीय कोच राहुल द्रविड़ उन महान बल्लेबाजों की सूची में शामिल हैं जो उनकी गेंद को पढ़ने का तरीका नहीं ढूंढ सके थे। मुरलीधरन ने मंगलवार को यहां एक कार्यक्रम के इतर कहा कि भारत के कई महान बल्लेबाज जैसे सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर उनकी गेंद को पढ़ लेते थे, लेकिन द्रविड़ ऐसा नहीं कर सके थे। मुरली ने यह भी कहा कि दूसरा सचिन तेंदुलकर पैदा नहीं होगा।
मुरलीधरन ने अपने जीवन पर बनी फिल्म ‘800’ के ट्रेलर लांच के दौरान कहा, ‘‘सचिन तेंदुलकर मेरी गेंद को बहुत अच्छी तरह पढ़ लेते थे। लेकिन ज्यादा खिलाड़ी ऐसा नहीं कर पाते थे। ब्रायन लारा भी इसमें सफल रहे थे लेकिन वह भी मेरी गेंदों को हिट नहीं कर सके थे।’’ इस मौके पर महान क्रिकेटर तेंदुलकर भी मौजूद थे।
सहवाग और गंभीर पर क्या बोले मुरलीधरन
मुरलीधरन ने कहा, ‘‘मैं कुछ लोगों को जानता हूं जैसे राहुल द्रविड़, वह महान खिलाड़ियों में शुमार हैं, लेकिन वह मेरी गेंद को नहीं पढ़ पाते थे। सचिन और वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर मेरी गेंद को पढ़ लेते थे। यहां तक कि मेरी टीम में भी कुछ ऐसे खिलाड़ी थे जो ऐसा कर पाते थे और कुछ नहीं।’’
‘एक्सप्रेसवे’ पर गेंद टर्न करा लेंगे मुरली
तेंदुलकर ने स्पिन इस जादूगर के साथ अपनी पहली मुलाकात याद करते हुए कहा, ‘‘मैं पहली बार 1992-93 में इनसे मिला था और तब से हम अच्छे दोस्त हैं। पूरी दुनिया जानती थी कि वह किस तरह से गेंद को स्पिन कराते थे। आप उन्हें ‘एक्सप्रेसवे’ पर भी गेंदबाजी कराओगे तो वह गेंद को टर्न करा लेंगे। भले ही कैसी भी सतह हो।’’
दूसरा सचिन तेंदुलकर पैदा ही नहीं होगा
तेंदुलकर ने कहा, ‘‘जब उन्होंने ‘दूसरा’ गेंद डालनी शुरु की तो उन्होंने नेट में इसका काफी अभ्यास किया। 18 महीनों तक वह नेट में ‘दूसरा’ गेंद का अभ्यास करते, जिसके बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में यह गेंद डाली क्योंकि वह अपनी गेंदबाजी की ताकत और अपने कौशल को गंवाना नहीं चाहते थे। ’’ इस पर मुरलीधरन ने तुरंत कहा, ‘‘इन्होंने (सचिन) क्रिकेट में जो किया है, कोई भी नहीं कर सकता। यह सच है। किसी के लिए भी 15 साल की उम्र में प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलना और फिर 16-17 साल की उम्र में टेस्ट शतक जड़ना असंभव है। दूसरा सचिन तेंदुलकर पैदा ही नहीं होगा। ’’
