Mushfiqur Rahim Announces Retirement From T20Is: बांग्लादेश के अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज मुशफिकुर रहीम ने वनडे और टेस्ट मैचों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। उन्होंने ट्वीट करके यह जानकारी दी। हालांकि, वह टी20 फ्रेंचाइजी क्रिकेट के लिए उपलब्ध रहेंगे। मुशफिकुर रहीम ने हाल ही में एशिया कप में हिस्सा लिया था। वहां पर बांग्लादेशी टीम अफगानिस्तान और श्रीलंका से हारकर ग्रुप चरण में ही बाहर हो गई। एशिया कप 2022 में मुशफिकुर की फॉर्म भी कुछ खास नहीं दिखी थी। उन्होंने दो मैच में सिर्फ पांच रन बनाए थे। उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ ‘करो या मरो’ के मैच में कुछ महत्वपूर्ण कैच भी टपकाए थे।

मुशफिकुर रहीम ने अब तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 13,509 रन बनाए हैं। उनके टेस्ट क्रिकेट में 5235, एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय में 6774 और टी20 इंटरनेशनल में 1500 रन हैं। मुशफिकुर रहीम ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का हिस्सा बनने की कई बार कोशिश की, लेकिन हर बार उन्हें निराशा ही हाथ लगी और वह नीलामी में नहीं बिके। इसी के चलते उन्होंने आईपीएल 2021 के लिए हुए ऑक्शन (IPL Auction) अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था। इससे पहले उन्होंने आईपीएल के पहले सीजन से लेकर 2020 तक हुई हर नीलामी में हिस्सा लिया था।

मुशफिकुर रहीम अब तक 102 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं। इसमें उन्होंने अब तक 6 अर्धशतक लगाए हैं। टी20 इंटरनेशनल में उनका औसत 19.48 और स्ट्राइक रेट 115.03 का रहा है। उन्होंने इस दौरान विकेट के पीछे 72 शिकार भी किए। इसमें 42 कैच और 30 स्टंपिंग शामिल हैं।

मुशफिकुर रहीम से पहले जून 2022 में बांग्लादेश के अनुभवी सलामी बल्लेबाज तमीम इक़बाल ने भी टेस्ट और वनडे क्रिकेट पर ध्यान देने के लिए टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था।

मुशफिकुर रहीम ने कुछ महीने पहले कहा था कि बांग्लादेश में लोग उनकी तुलना डॉन ब्रैडमैन से करते हैं। मुशफिकुर ने कहा था, ‘बांग्लादेश में मैंने देखा है कि जब मैं शतक बनाता हूं तो लोग मेरी तुलना ब्रैडमैन से करते हैं, लेकिन जब मैं रन नहीं बनाता तो मुझे लगता है कि अपने लिए गड्ढा खोद रहा हूं।’

उन्होंने कहा था, ‘मैं सीनियर खिलाड़ियों में से एक हूं, लेकिन हम लंबे समय तक यहां नहीं रहेंगे। हालांकि, यह एक कल्चर बनता जा रहा है, इसलिए युवा खिलाड़ियों को समर्थन की जरूरत है। अगर मुझे मैदान से बाहर इन चीजों से निपटने में इतना समय देना पड़ता है, तो हमारी ऑन-फील्ड ड्यूटी प्रभावित हो जाती है।’