मुंबई में धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल की छह वर्षीय बालिका सुहानी लोहिया शहर की पहली महिला कैंडिडेट मास्टर बन गई है। कोच और फिडे मास्टर बालाजी गुटुला के अनुसार सुहानी ने यह उपलब्धि एशियाई स्कूल शतरंज चैंपियनशिप के अंडर-7 वर्ग में कांस्य पदक जीतकर हासिल की। यह प्रतियोगिता ईरान की राजधानी तेहरान में रविवार को खत्म हुई थी। सुहानी ने नौ में से सात अंक हासिल कर कांस्य पदक जीता। वह फिलीपींस की गाडुट मेसेक एंजेला और उज्बेकिस्तान की खामदामोवा अफ्रुजा के पीछे रही जिन्होंने क्रम से आठ अंक से स्वर्ण और 7.5 अंक से रजत पदक अपने नाम किया। इस प्रतियोगिता में पूरे एशिया से 17 देशों ने शिरकत की थी जिसमें चीन, सिंगापुर, फिलीपींस, उज्बेकिस्तान, मेजबान ईरान शामिल थे।

सुहानी मुंबई से यह महिला कैंडिडेट मास्टर का खिताब हासिल करने वाली पहली बालिका बन गई जो विश्व शतरंज महासंघ फिडे द्वारा दिया जाता है। सुहानी अधिकारिक रूप से भारत का प्रतिनिधित्व कर रही थी, उसने नागपुर में इस साल हुई राष्ट्रीय चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। कोच ने कहा कि अब वह इस साल के अंत में जार्जिया में होने वाली विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप में भाग लेगी।