भारत के लिये यह भले ही करो या मरो जैसा मैच होगा लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने आज कहा कि अगले महीने होने वाले विश्व कप को ध्यान में रखकर वर्तमान एकदिवसीय श्रृंखला के दौरान अनफिट खिलाड़ियों को लेकर जोखिम नहीं उठाया जाएगा।
ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ हार के बाद भारत पर टूर्नामेंट के शुरू में बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है। ऑस्ट्रेलिया की टीम पहले ही फाइनल में पहुंच चुकी है लेकिन भारत को कल उसके खिलाफ हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी।
धोनी ने मैच की पूर्व संध्या पर संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘पिछले दो मैचों से हम अपनी संभावित सर्वश्रेष्ठ एकादश के साथ खेल रहे हैं। लेकिन हम खिलाड़ियों की चोटों से भी परेशान हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रयोग ऐसा शब्द है जिसे भारतीय टीम के संदर्भ में लंबे समय से प्रतिबंधित कर दिया गया है। हम अपनी सर्वश्रेष्ठ एकादश उतारने की कोशिश करेंगे और इसके साथ ही हम इस मैच से कई सकारात्मक चीजें हासिल करने की कोशिश भी करेंगे।’’
धोनी ने कहा, ‘‘इसके साथ ही मैच जीतने के लिये यदि आप किसी ऐसे खिलाड़ी को उतारते हो जो कि चोटिल हो तो आप हो सकता है कि मैच जीत जाओगे लेकिन हो सकता है कि आप को विश्व कप के लिये उस खिलाड़ी को गंवाना पड़े। आपको फैसला लेना होता है। विश्व कप काफी करीब है और जब खिलाड़ियों को व्यवस्थित करने की बात आती है तो गलती के लिये कोई समय नहीं है। हम विश्व कप के लिये पूरी तरह फिट टीम चाहते हैं।’’
रोहित शर्मा कल के मैच में नहीं खेल पाएंगे क्योंकि वह अब भी हैमस्ट्रिंग की चोट से उबर रहे हैं। इशांत शर्मा और रविंद्र जडेजा चयन के लिये उपलब्ध रहेंगे। जडेजा का हालांकि क्षेत्ररक्षण की उनकी संभावनाओं पर संदेह के कारण खेलना संदिग्ध है।
धोनी ने कहा, ‘‘इशांत और जडेजा दोनों चयन के लिये उपलब्ध रहेंगे। हमें उन्हें अधिक समय देना चाहिए या नहीं इस पर हमें अभी विचार करना है क्योंकि इन दोनों ने मैच नहीं खेले हैं।’’
भारतीय कप्तान से पूछा गया कि क्या रोहित के विश्व कप में खेलने को लेकर संदेह है तो धोनी ने न में जवाब दिया। ब्रिस्बेन में इंग्लैंड के खिलाफ खेलने के बाद भारत को थोड़ा विश्राम का मौका मिला। भारतीय टीम बुधवार को यहां पहुंची और उसने शुक्रवार तक अभ्यास नहीं किया। यहां तक कि रविवार को भी उन्होंने हल्का अभ्यास किया।
धोनी ने कहा, ‘‘लंबे दौरे पर इस तरह के विश्राम से वास्तव में मदद मिलती है। हमने अभ्यास सत्र को थोड़ा कड़ा और थोड़ा अधिक यथार्थवादी बनाया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए आप उन्हें विश्राम का मौका देते हैं लेकिन इसके साथ ही आप ऐसे सत्र चाहते हो जो उद्देश्यपरक हों। इसलिए हम इस पर जोर दे रहे हैं। इसलिए हमने आज थोड़ा हल्का अभ्यास किया।’’