कोलकाता के ईडन गार्डन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच से पहले विराट कोहली शनिवार को अपने अंडर-19 टीम के साथी श्रीवत्स गोस्वामी से मिले। कोहली और गोस्वामी की इस मुलाकात में मोहम्मद शमी की भी चर्चा हुई। खुद गोस्वामी ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया है कि कोहली और उनके बीच हुई मुलाकात में मोहम्मद शमी का जिक्र हुआ था। बता दें कि श्रीवत्स गोस्वामी ने हाल ही में क्रिकेट के हर फॉर्मेट से संन्यास की घोषणा की है।
शमी की बॉलिंग पढ़ना बहुत मुश्किल- कोहली
श्रीवत्स गोस्वामी ने एक्सप्रेस से बातचीत में बताया कि उन्होंने खुद कोहली से शमी के बारे में बात की थी। विराट ने मुझे बताया कि इस वक्त शमी का सामना करना वाकई किसी भी बल्लेबाज के लिए बहुत ही मुश्किल है। विराट ने कहा था कि शमी गेंद के साथ अपनी उंगलियों का बहुत अच्छे से इस्तेमाल करते हैं, एक बार को बुमराह को पढ़ना आसान है, लेकिन आप शमी को नहीं समझ सकते। आप नहीं जान पाएंगे कि कौन सी गेंद अंदर आएगी और कौन सी बाहर जाएगी।
शमी का इंडिया डेब्यू मुझे याद है- श्रीवत्स
गोस्वामी ने आगे कहा कि विराट कोहली एकदम सही कह रहे हैं, क्योंकि नेट्स में मैंने शमी को खेला है, वहां भी उनका सामना करना बहुत खतरनाक होता था। मुझे याद है कि जब शमी पहली बार भारत के लिए खेलने उतरे थे। उस दिन शमी हमारे साथ इनडोर में ट्रेनिंग कर रहे थे। मुझे याद है कि शमी को दादा ने और शमी भाई के कोच ने कहा था कि ज्यादा बाउंसर नहीं फेंकनी है, लेकिन उन्होंने मुझे बाउंसर फेंकी थी। तब दादा ने शमी को तीन बाउंसर फेंकने की हरी झंडी दी थी।
2010 में किया था फर्स्ट क्लास डेब्यू
बता दें कि शमी ने मनोज तिवारी के नेतृत्व में ही 2010 में अपना फर्स्ट क्लास करियर शुरू किया था। मनोज तिवारी ने शमी के करियर को लेकर कहा है कि जब 2010 में उसका पहला फर्स्ट क्लास मैच देखा तो वह मुस्कुरा रहे थे। तिवारी ने कहा कि उसकी गेंदबाजी को देख मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गई थी। वह ऐसे गेंदबाज हैं जो कभी बाउंसर फेकने से नहीं हिचकिचाते। बता दें कि यूपी की अंडर-19 टीम से नजरअंदाज किए गए शमी 2006-07 में कोलकाता चले गए थे, जहां उन्होंने डलहौजी एथलेटिक क्लब में क्रिकेट खेलना शुरू किया।