रूस के उलान उदे शहर में हो रही वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारत के गोल्ड की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है और 6 बार की चैंपियन मैरीकॉम को 51 किलोग्राम भारवर्ग के सेमीफाइनल में मिली हार के साथ कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ेगा। उनका मुकाबला तुर्की की बुसेनांज कारिकोग्लू के साथ था, जिसमें मैरीकॉम को 4-1 से शिकस्त झेलनी पड़ी। हालांकि इस हार के बाद भी मैरीकॉम ने इतिहास रच दिया। सेमीफाइनल में पहुंचते ही मैरीकॉम महिला विश्व चैम्पियनशिप के इतिहास की सबसे सफल मुक्केबाज बनीं थीं। उन्होंने सेमीफाइनल में पहुंचकर आठवां पदक पक्का किया था।

बता दें कि इससे पहले जब मैरीकॉम 6 बार विश्वचैंपियन बनीं तो उनका मुकाबला 48 किग्रा भारवर्ग में था। इस बार 51 किग्रा भारवर्ग में उनका ये पहला पदक है। हालांकि उन्होंने इसी भारवर्ग में 2014-एशियाई खेलों में गोल्ड और 2018 एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीत चुकी हैं। साथ ही इसी भारवर्ग में मैरी ने लंदन ओलंपिक 2012 में कांस्य जीता था।

इस मुकाबले की बात करें तो दोनों ही मुक्केबाजों ने बहुत संभली हुई शुरुआत की और अटैकिंग शुरुआत नहीं की। मैरी ने दूसरे बाउट में यूरोपीयन चैम्पियन के खिलाफ शुरू से ही अटैकिंग रुख अपनाया। लेकिन तीसरे बाउट में विपक्षी खिलाड़ी मैरी पर भारी पड़ी। इस मुकाबले में मैरी थोड़ा परेशान भी दिखीं। ये मुकाबला 28-29, 30-27, 29-28, 29-28, 30-27 के अंतर पर समाप्त हुआ।