ओलंपिक में परचम लहराने वाली भारतीय मुक्केबाज ‘एम सी मैरीकाम’ अगले साल रियो ओलंपिक के बाद संन्यास ले लेंगी। मैरीकाम कांस्य पदक विजेता हैं उन्हें देश की शीर्ष महिला मुक्केबाज का दर्जा हासिल है।

नेपाली गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल की 125 वें संस्थापना दिवस पर सोमवार को आयोजित एक समारोह में शिरकत करने आयीं मैरीकॉम ने कहा कि उनका सपना ओलंपिक में देश के लिये स्वर्ण पदक हासिल करना है। रियो में वह इसी लक्ष्य के साथ उतरेंगी और उसके बाद इस खेल को अलविदा कह देंगी।

पांच बार की विश्व चैंपियन मैरीकाम ने कहा,’ईश्वर के आशीर्वाद से इस खेल ने मुझे बहुत कुछ दिया है। बस एक ही सपना ओलंपिक में स्वर्ण पदक को जीतने का अधूरा रह गया है। मैं रियो में अपने सपने को पूरा करने के लक्ष्य के साथ उतरूंगी और यह मेरा आखिरी टूर्नामेंट होगा।’

उन्होंने संन्यास के पीछे कोई कारण न बताते हुये बस इतना ही संकेत दिया कि मुक्केबाजी के कड़े अभ्यास और पारिवारिक जीवन में तालमेल बिठाने में हो रही परेशानियों के बाद उन्हें यह कठिन निर्णय लेना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि संन्यास के बाद वह युवा प्रतिभाशाली खिलाड़ीयों के विकास के लिये गठित ‘मैरीकॉम रीजनल बाक्सिंग फाउंडेशन’ के लिये पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम करना चाहती हैं। फाउंडेशन का गठन 2006 में किया गया था।

रियो के लिये क्वालिफाई करने के बारे में इस शीर्ष मुक्केबाज ने कहा,’दुनिया भर के शीर्ष मुक्केबाजों के साथ रियो के लिये क्वालिफाई करना वाकई एक कड़ा मुकाबला होगा। मैं इस वक्त मानसिक और शारीरिक फिटनेस बनाये रखने के लिये परिवार से दूर कड़ी मेहनत कर रही हूं।’

युवा लड़कियों को प्रोत्साहित करते हुये उन्होंने कहा, ‘एक लड़की,महिला और मां होने के साथ-साथ जब मैं यह कर सकती हूं तो आप सभी क्यों नहीं।

बड़े सपने देखो और उन्हें साकार करने के लिये जुट जाओ। आपको अपने सपने साकार करने के लिये जीवन में अनुशासन, समर्पण और उनके पूरा होने की उम्मीद बनाये रखना चाहिये। जीवन में सफल होने में बहुत सी कठिनाइयां आती हैं लेकिन सब्र और साहस से हम ऊंचा मुकाम हासिल कर सकते हैं।’