आत्माराम भाटी
टेनिस कोर्ट से लेकर बाहरी दुनिया तक मारिया शारापोवा ने खूब शोहरत बटोरी। उन्होंने अपने खेल से पूरी दुनिया को मोहित किया। 26 फरवरी को मारिया ने दो दशक के करिअर पर विराम लगाते हुए संन्यास की घोषणा की। वजह साफ थी, 2007 के बाद से अनेकों बार कंधे की चोट व 2016 में डोपिंग के दंश ने उनके खेल को प्रभावित किया। वे अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे पा रही थीं। रैंकिग में कभी नंबर एक पर विराजमान रही मारिया की वर्तमान रैंकिग भी 369 पर पहुंच चुकी थी। ऐसे में इनका टेनिस को अलविदा कहने का निर्णय आश्चर्यजनक नहीं है।
गरीबी में जीवन-यापन करने वाले पिता यूरी व माता येलना ने सोचा भी नहीं होगा कि उनके घर में 19 अप्रैल,1987 को कदम रखने वाली परी एक दिन दुनिया के प्रतिष्ठित चारों ग्रैंडस्लेम के पांच खिताब अपने नाम करेगी। साथ ही नंबर एक टेनिस खिलाड़ी बनेगी। साइबेरिया में परमाणु दुर्घटना के कारण दो साल की मारिया के साथ पिता यूरी को बेलारूस में सोची के ब्लैक सी टाउन में आना पड़ा। यहां जब वे अपने पड़ोसी टेनिस खिलाड़ी येवेग्नर के साथ टेनिस खेलते थे तो मारिया गंभीरता से निहारते हुए उन्हें गेंद पकड़ाती थी। तभी यूरी को अपनी बिटिया में एक खिलाड़ी के लक्षण नजर आ गए थे।
मारिया को टेनिस से उस समय और ज्यादा लगाव हो गया जब येवेग्नर के पिता ने अपने बेटे का एक पुराना रैकेट मारिया को उनके चौथे जन्मदिवस पर तोहफे में दिया। मारिया शारापोवा के खेल जीवन पर नजर डालें तो पिता यूरी ने अपनी लाडली को छह साल की उम्र में ही एक टेनिस क्लिनिक में भेज दिया। यहां उनके इस खेल में आगे बढ़ने का रास्ता तब खुला जब इस संस्था में महान खिलाड़ी मार्टिना नवरातिलोवा बच्चों को टेनिस के गुर देने आईं। मार्टिना ने मारिया के खेल के प्रति जुनून को देखते हुए पिता को सलाह दी की वे उन्हें फ्लोरिडा स्थित निक बोलिटीएरी टेनिस अकादमी में प्रशिक्षण दिलाएं। मार्टिना की सलाह पर पिता यूरी 700 डॉलर उधार लेकर फ्लोरिडा पहुंच गए। लेकिन उम्र छोटी होने के कारण दो साल बाद ही यहां दाखिला मिल सका। यहां से मारिया शारापोवा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
अप्रैल 2001 में पेशेवर टेनिस में कदम रखने वालीं मारिया ने 2004 में मात्र 17 साल की उम्र में विंबडलन फाइनल में सेरेना विलियम्स को सनसनीखेज तरीके से हराते हुए पहला ग्रैंडस्लैम अपने नाम किया। 2006 में जस्टिन हेनिन को हराकर अमेरिकी ओपन के रूप में दूसरा। 2008 में एना इवानोविच को हरा आस्ट्रेलियाई ओपन के साथ तीसरा। 2012 में सारा ईरानी और 2014 में सिमोना हालेप को फ्रेंच ओपन में हराकर चैथा और पांचवां ग्रैंडस्लेम अपने नाम करते हुए टेनिस जगत की बुलंदी पर पहुंच गईं। पांच बार 2007, 2011, 2015 आस्ट्रेलियाई ओपन, 2011 में विंबलडन में और 2013 में फ्रेंच ओपन में मारिया उपविजेता रहीं। वहीं 2012 लंदन ओलिंपिक में भी वह रजत पदक अपने नाम कर चुकी हैं।
2003 में पेशेवर टेनिस में पहला खिताब जीतने वाली मारिया ने खेल करिअर में पांच ग्रैंडस्लैम, 36 डब्लूटीए, चार आइटीएफ और 2008 में फेडकप के साथ युगल में 3 डब्लूटीए खिताब जीते हैं। पेशेवर टेनिस में आने के बाद कुल 816 एकल मुकाबलों में 645 में में उन्होंने जीत दर्ज की है। उन्होंने 40 युगल मुकाबलों में 23 मुकाबले अपने नाम किए हैं। टेनिस जगत में तीन बार 2005, 2007 और 2012 में शीर्ष रैंकिंग पर विराजमान हो चुकीं और 2012 में फ्रेंच ओपन जीतकर करिअर ग्रैंडस्लैम पूरा करने वाली मारिया ने अपने खेल व सुंदरता से कॉरपोरेट जगत को आकर्षित किया। मारिया महिला खिलाड़ियों में मार्टिना नवरातिलोवा व स्टेफी ग्राफ के बाद इस सदी की ऑलटाइम सूची में तीसरी सबसे ज्यादा खेल व विज्ञापन से कमाई करने वाली खिलाड़ी बनीं।
शारापोवा को अपने टेनिस करिअर में परेशानियों का भी सामना करना पड़ा। दो दशक के खेल जीवन में कई बार कंधे की चोट के कारण उन्हें मैदान से बाहर जाना पड़ा लेकिन हर बार उन्होंने मजबूत वापसी की। हालांकि सबसे बड़ी परेशानी जिसने मारिया को झकझोरा वो थी जनवरी 2016 डोप टेस्ट में पॉजिटिव आना। इसके कारण आइटीएफ ने उन पर दो साल का प्रतिबंध लगा दिया।

