पाकिस्तान की जानी-मानी स्पोर्ट्स प्रेजेंटेटर जैनन अब्बास ने खुलासा किया है कि लड़की होने के चलते कई दिग्गज क्रिकटर्स ने उन्हें इंटरव्यू नहीं दिया। जैनब ने TED Talk से बात करते हुए क्रिकेट की दुनिया में एक मुकाम हासिल करने के रास्ते में आने वाली बाधाओं के बारे में बताया। जैनब ने उन सभी प्रतिकूल परिस्थितियों के बारे में बताया जो उन्होने एक महिला होने के कारण झेलीं।

बचपन के दिनों को याद करते हुए जैनब ने बताया कि क्रिकेट को एक खेल के रूप में उन्हें जबरदस्ती चुनना पड़ा था। जैनब ने बताया, ‘हालांकि, खेल मेरा जुनून बन गया। यह पता चलने पर कि एक खेल इवेंट के लिए उनके बच्चे ऩे अपनी परीक्षा छोड़ दी तो वे माता-पिता कितना निराश हुए होंगे, इसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते। मैं कितनी पैशनिट थी। कुछ ही दिनों बाद वर्ल्ड कप था और मैंने इसे देखने का फैसला किया और अपने सभी कार्यक्रम छोड़ दिए। मैंने 2009 टी20 वर्ल्ड कप के दौरान भी पैसा बचाया और सभी खेल देखने का फैसला किया। आखिर में मेरी जेब खाली हो चुकी थी, लेकिन वह सब बहुत कीमती था।’

जैनब पाकिस्तान के डोमेस्टिक क्रिकेटर नसीब अब्बास की बेटी हैं। नसीर अब्बास फैसलाबाद और हाफिजाबाद टीमों के लिए खेल चुके हैं। जैनब की मां अंदलीब अब्बास पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी से सांसद हैं। जैनब ने इंग्लैंड से एमबीए की पढ़ाई की है। शायद इसीलिए जैनब ने शुरू में सोचा था कि उन्हें कॉरपोरेट जगत में नौकरी करनी चाहिए, लेकिन जल्द ही उन्हें अहसास हुआ कि वह इसके लिए फिट नहीं हैं। इसके बाद उन्होंने स्पोर्ट्स प्रेजेंटेटर खासकर खासकर क्रिकेट एंकरिंग में अपने करियर बनाने का फैसला किया।

जैनब ने पुरानी बातें याद करते हुए बताया, ‘मुझे एक रेसिस्ट (नस्लवादी) बॉस का सामना करना पड़ा। पूरे डिपॉर्टमेंट में मैं इकलौती सांवली लड़की थी। वह हर अवसर पर मुझे टारगेट करता था। आखिरकार मैंने नौकरी छोड़ दी और अपने दिल की आवाज सुनी। सच जानने की कोशिश की और फैसला किया कि अपने जुनून को अपना करियर बनाऊंगी।’

जैनब ने बताया, ‘मैंने सोचा था कि खेल की दुनिया सच्चाई की पथप्रदर्शक होगी। नस्लवाद से मुक्त, पक्षपात से मुक्त, लेकिन मैं काफी गलत थी।’ उन्होंने खुलासा करते हुए कहा, ‘एक प्रमुख समाचार चैनल में मुझे नौकरी का अवसर मिला। वहां एक व्यक्ति बैठा था। उसने खुद को श्रेष्ठ साबित करने की कोशिश करते हुए मुझसे पूछा, रिवर्स स्विंग क्या होती है? मेरे चेहरे पर मुस्कान थी, क्योंकि मुझे पता था कि वह किस बारे में पूछ रहा था। मैंने विनम्रता से उत्तर दिया। लेकिन वह बहुत प्रभावित नहीं हुआ। ऐसे ही मेरा सफर शुरू हुआ।’

जैनब ने कहा, ‘उस घटना ने मुझे कभी भी अपने सपने देखने बंद नहीं करने के लिए तैयार किया। मेरा को मेंटर नहीं था। जब मैंने मैदान में प्रवेश किया, तो लोगों ने मेरा मजाक उड़ाया, क्योंकि उनका मानना ​​था कि खेल के बारे में महिलाओं को बात नहीं करनी चाहिए, महिलाओं को खेल नहीं खेलना चाहिए; उनका वहां कोई काम नहीं है।’

जैनब ने कुछ दिन महीने पहले भी कहा था कि कई दिग्गज क्रिकेटर्स लड़की होने के कारण उनसे बात नहीं करते थे। धर्म को ज्यादा मानने वाले कुछ पाकिस्तानी दिग्गज उनके साथ टीवी पर स्क्रीन शेयर करने से कतराते थे।