भारतीय महिला निशानेबाज मनु भाकर को खेल रत्न के लिए नामित खिलाड़ियों की शुरुआती लिस्ट में जगह नहीं मिली। पेरिस ओलंपिक में इतिहास रचने वाली मनु इसके बाद से ही चर्चा में हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि मनु भाकर ने अपना नाम नहीं दिया। वहीं मनु भाकर के पिता का दावा कुछ और है। इस दौरान सोशल मीडिया पर यूजर्स ने इसे राजनीतिक कदम बताया।
मनु ने पेरिस में रचा था इतिहास
अगस्त में पेरिस ओलंपिक में मनु एक ही खेलों में दो पदक जीतने वाली आजाद भारत की पहली खिलाड़ी बन गई जब उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत और मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीता।
यूजर्स ने कांग्रेस को बताया कारण
एक्स पर कई यूजर्स ने लिखा की पेरिस ओलंपिक की डबल मेडलिस्ट राजनीति का शिकार हुई हैं। ओलंपिक में मेडल जीतने के बाद मनु ने भारत लौटने पर नेता विपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी। इसके अलावा वह हरियाणा में कांग्रेस नेता दीपेंदर हुड्डा से भी मिली थीं। लोग मनु के नाम की गैरमौजूदगी का इसी से कनेक्शन बता रहे हैं।
अलग-अलग यूजर्स ने कहा कि मनु भाकर की कांग्रेस नेताओं से मुलाकात ही उनके नाम होने की वजह है। ट्रोलिंग किये जाने की खबरों के बीच खेल मंत्रालय के एक शीर्ष सूत्र ने कहा है कि अभी नाम तय नहीं हुए हैं और एक सप्ताह में पुरस्कारों का खुलासा होने पर उसका नाम सूची में होगा।


