भारतीय महिला खिलाड़ियों ने इस दौरान खास तौर से देश का परचम लहराया है। विभिन्न खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली भारतीय महिला खिलाड़ियों में शुमार मनिका बत्रा ने एक और कारनामा अंजाम देते हुए एशियाई कप टेबल टेनिस में कांस्य पदक हासिल किया है और वह ऐसा करने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी हैं।
खेल प्रेमियों के लिए मनिका का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। वर्ष 2020 में देश के सबसे बड़े खेल सम्मान मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित मनिका ने बैंकाक, थाईलैंड में खेली गई इस प्रतियोगिता में महिला सिंगल्स का सेमीफाइनल मुकाबला हारने के बाद भी हिम्मत नहीं छोड़ी और कांस्य पदक के लिए हुए मुकाबले में जापान की हीना हयाता को मात देकर तीसरा स्थान हासिल किया। इससे टूर्नामेंट के इतिहास में कोई भी मेडल जीतने वाली देश की पहली महिला खिलाड़ी बन गर्इं।
एशियाई कप टेबल टेनिस प्रतियोगिता के पुरुष वर्ग में भारत को देश के प्रतिभाशाली खिलाड़ी चेतन बबूर ने पदक दिलाया था। बबूर वर्ष 1997 में पुरुष सिंगल्स के फाइनल तक पहुंचे थे और उन्होंने रजत पदक हासिल किया था। इसके बाद साल 2000 में चेतन ने एक बार फिर कांस्य पदक जीतकर भारत के पदकों की संख्या में इजाफा कर दिया।
पंद्रह जून 1995 को दिल्ली में जन्मी मनिका बत्रा तीन भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं। बड़ी बहन आंचल और भाई साहिल टेबल टेनिस खेला करते थे और उन्हीं को खेलता देखकर नन्हीं मनिका ने भी चार साल की उम्र से ही टेबल टेनिस खेलना शुरू कर दिया। उनके खेल में भविष्य की एक प्रतिभावान खिलाड़ी की झलक देखकर उन्हें बहुत कम उम्र में ही टेबल टेनिस का बाकायदा प्रशिक्षण दिलाने का फैसला किया गया।
बेहद खूबसूरत मनिका को किशोरावस्था में ही माडलिंग के कई प्रस्ताव मिले, लेकिन उन्होंने हमेशा टेबल टेनिस को तरजीह दी और यहां तक कि उन्हें खेल पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित करने के लिए अपनी पढ़ाई भी बीच में ही छोड़ देनी पड़ी। मनिका ने एक और उपलब्धि तब हासिल की, जब वह अपने हमवतन खिलाड़ी एस ज्ञानशेखरन के साथ मिश्रित युगल विश्व वरीयता क्रम में नंबर पांच पर पहुंचीं और किसी भारतीय जोड़ी के लिए टेबल टेनिस विश्व रैंकिंग में यह अब तक की शीर्ष वरीयता है।
ओलंपिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी 27 साल की मनिका विश्व में 44वें नंबर की खिलाड़ी हैं और उन्हें टेबल टेनिस के खेल में देश की अब तक की सबसे प्रतिभाशाली तथा सफल महिला खिलाड़ी माना जाता है। ऐसे में बहुत मुमकिन है कि वह आने वाले दिनों में अन्य विश्व प्रतियोगिताओं में देश को स्वर्णिम सफलता दिलाएं।
