क्रिकेट जगत में शोक की लहर है। वेस्टइंडीज के दिग्गज बल्लेबाज सर एवर्टन वीक्स का बुधवार को 95 साल की उम्र में निधन हो गया। वीक्स को पिछले साल हार्ट अटैक हुआ था। उसके बाद से ही उनकी तबीयत खराब रहने लगी थी। वहीं, पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर खालिद वजीर लंबी बीमारी से जूझने के बाद दुनिया को अलविदा कह गए। खालिद वजीर ने इंग्लैंड के चेस्टर में अंतिम सांस ली। वह 84 साल के थे। खालिद पाकिस्तान के 16वें टेस्ट क्रिकेटर थे। जब उन्होंने डेब्यू किया था, तब वह हनीफ मोहम्मद के बाद अपने देश के दूसरा युवा खिलाड़ी थे। उनका जन्म 1936 में जालंधर (भारत) में हुआ था। विभाजन के बाद उनके परिवार ने पाकिस्तान में बसने का फैसला किया था।

वीक्स थ्री डब्ल्यू के नाम से विख्यात तिकड़ी का हिस्सा थे। उन्होंने सर क्लाइड वाल्कॉट और सर फ्रैंक वारेल के साथ मिलकर 1950 के दशक के दशक में विश्व क्रिकेट का सबसे मजबूत बल्लेबाजी क्रम तैयार किया था। क्लाइव वाल्कॉट का 2006 में 80 साल की उम्र में निधन हुआ था। जबकि फ्रैंक वॉरेल ने 1967 में 42 साल की उम्र में ही दुनिया को अलविदा कह दिया था। वीक्स, वाल्कॉट और वॉरेल का जन्म बारबाडोस में अगस्त 1924 से जनवरी 1926 के बीच हुआ था। इन तीनों ने 1948 में तीन सप्ताह के अंदर टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था।

वीक्स को कैरेबियाई क्षेत्र में खेलों का ‘जनक’ भी कहा जाता है। वीक्स के निधन पर वेस्टइंडीज क्रिकेट ने गहरा दुख जताया है। विंडीज क्रिकेट ने ट्वीट कर लिखा, ‘हम अपने ‘आइकन’ के चले जाने से दुखी हैं। दिग्गज, हमारे हीरो, सर एवर्टन वीक्स। हमारी संवेदना उनके परिवार, दोस्तों और दुनियाभर के प्रशंसकों के लिए.. RIP।’

वीक्स की टाइमिंग बहुत अच्छी मानी जाती थी। वह बहुत जल्दी गेंद की लेंथ पहचान लेते थे। उन्होंने 152 फर्स्ट-क्लास मैचों में 12010 रन बनाए। उनका बल्लेबाजी औसत 55.34 रहा। उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 36 शतक और 54 अर्धशतक लगाए। उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 304 रन रहा। वीक्स ने 1948-1958 के दौरान 48 टेस्ट मैचों में 58.61 के औसत से 4455 रन बनाए। उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 15 शतक और 19 अर्धशतक लगाए थे। उनका उच्चतम स्कोर 207 रन था।

एवर्टन वीक्स के नाम एक अद्भुत रिकॉर्ड है। उन्होंने टेस्ट की लगातार पारियों में सबसे ज्यादा 5 शतक लगाए। उन पांच शतकों की बात करें तो उन्होंने पहला शतक 1948 में किंग्सटन में इंग्लैंड के खिलाफ (141 रन) लगाया था। उन्होंने उसी साल अगली 4 पारियों में शतक लगाए। वे सभी भारत के खिलाफ थे। उन्होंने दिल्ली में 128 रन, मुंबई में 194 रन, कोलकाता में 162 और 101 (दोनों इनिंग्स) रन की पारियां खेली थीं। वह छठी पारी में भी शतक जमाने के करीब थे। हालांकि, मद्रास (चेन्नई) में खेले गए उस मैच में वह 90 रन पर आउट हो गए थे।