विश्व चैम्पियनशिप कांस्य पदक विजेता लक्ष्य सेन ने पूर्व चैम्पियन मलेशिया के ली जि जिया को हराकर ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैम्पियनशिप 2022 के फाइनल में जगह बना ली है। 2015 में आखिरी बार साइना नेहवाल ने महिलाओं के इवेंट में भारत के लिए फाइनल में जगह बनाई थी। पुरुष खिलाड़ियों में इससे पहले 2001 में पुलेला गोपीचंद फाइनल में पहुंचे थे।

20 वर्ष के लक्ष्य सेन ने इसी के साथ एक और रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। वह भारत के लिए फाइनल में पहुंचने वाले सबसे युवा शटलर भी बन गए हैं। वह प्रकाश नाथ (1947), प्रकाश पादुकोण (1980) और पुलेला गोपीचंद (2001) के बाद टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाले चौथे भारतीय पुरुष खिलाड़ी बने। सेन इस लिस्ट के सबसे युवा शटलर हैं उनसे पहले सभी मिडिल या लेट 20s में ऐसा कर पाए थे।

लक्ष्य सेन ने एक घंटे और 16 मिनट तक चले सेमीफाइनल मैच में ली को 21-13, 12-21, 21-19 से हराया। सेन ने पहले गेम में शानदार डिफेंस करते हुए पहले 11-7 की बढ़त बना ली थी। इसके बाद ली ने वापसी की लेकिन भारतीय शटलर ने लंबी रैलियां जारी रखते हुए मलेशियाई शटलर को 21-13 से पहला गेम हरा दिया। दूसरे गेम में ली ने वापसी की और मुकाबला निर्णायक गेम तक ले गए।

अंतिम यानी तीसरे गेम में कांटे की टक्कर रही लेकिन सेन ने अपना संयम बनाए रखकर जीत दर्ज की। लक्ष्य सेन ने ली को 21-19 से हराया और ऐतिहासिक जीत दर्ज की। भारत के लिए इससे पहले प्रकाश पादुकोण ने 1980 में और पुलेला गोपीचंद ने 2001 में यह खिताब जीता था जबकि प्रकाश नाथ 1947 में और महिला वर्ग में साइना नेहवाल 2015 में फाइनल हार गई थीं।

ऐतिहासिक जीत के बाद लक्ष्य सेन ने कहा,‘‘ मैं नर्वस था लेकिन सिर्फ मैच के बारे में सोच रहा था। यह ऑल इंग्लैंड चैम्पियनशिप सेमीफाइनल था और मन में कई विचार आ रहे थे लेकिन मैने फोकस बनाए रखा। मुझे खुशी है कि मैच जीता और कल भी खेलने को मिलेगा ।’’

गौरतलब है कि पिछले छह महीने से शानदार फॉर्म में चल रहे लक्ष्य सेन ने दिसंबर में विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था। इसके बाद जनवरी में इंडिया ओपन सुपर 500 खिताब जीता और पिछले सप्ताह जर्मन ओपन में वह उपविजेता रहे। सेन ने 6 साल पहले भी इंडिया इंटरनेशनल सीरीज में ली को हराया था।