केरल में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के केंद्र में चार युवा खिलाड़ियों ने आत्महत्या की कोशिश की। इसमें से एक की मौत हो गई जबकि तीन जीवन के लिए संघर्ष कर रही हैं। इस घटना से स्तब्ध खेल मंत्रालय ने जांच के आदेश दे दिए हैं। खेल मंत्रालय ने तुरंत कार्रवाई करते हुए साई महानिदेशक इंजेती श्रीनिवासन को घटना के प्रशासनिक पहलुओं की जांच के लिए केरल जाने का निर्देश दिया। बाकी पुलिस की जांच चल रही है। यह मामला गुरुवार को संसद में भी उठा।
अलप्पुझा में साई के जल क्रीड़ा केंद्र में ट्रेनिंग कर रही इन खिलाड़ियों में से एक 15 वर्षीय खिलाड़ी की मौत हो गई। माना जा रहा है कि सीनियर खिलाड़ियों के कथित उत्पीड़न के बाद इन सभी ने जहरीला फल ‘ओथालांगा’ खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया जिसके बाद इन्हें अस्पताल ले जाया गया। खुदकुशी के कारणों का पता नहीं चल पाया है लेकिन परिजनों के मुताबिक इन खिलाड़ियों ने शिकायत की थी कि उनके सीनियर उनका उत्पीड़न करते हैं। इससे परेशान होकर उन्होंने जान देने की कोशिश की। वैसे इस बात के भी कयास लगाए जारहे हैं कि साई के अधिकारियों के रवैये से तंग आकर खिलाड़ियों ने जान देने की कोशिश की।
केरल में घटी इस घटना की गूंज दिल्ली में भी सुनाई दी और खेल मंत्रालय हरकत में आ गया। उसने घटना की जांच के आदेश देने में देर नहीं लगाई। खेल मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने बयान जारी करके कहा- मैं केरल में हुई इस घटना से काफी दुखी हूं। जिस लड़की की मौत हुई है, वह काफी प्रतिभाशाली खिलाड़ी थी। यह देश, साई और खेल जगत को बड़ा नुकसान है। मैं शोकाकुल परिवार को सांत्वना देता हूं और हरसंभव मदद का वादा भी करता हूं। सोनोवाल ने कहा- तीन लड़कियों का इलाज चल रहा है।
स्थानीय पुलिस मामले की जांच कर रही है। मैंने साई महानिदेशक को मौके पर पहुंचने को कहा है और उनसे तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। मैंने उन्हें विशेष तौर पर निर्देश दिया है कि तीनों लड़कियों को सर्वश्रेष्ठ संभव इलाज मुहैया कराया जाए। उन्होंने कहा कि कानून अपना काम करेगा लेकिन मैं यही कहना चाहता हूं कि भारतीय खेल प्राधिकरण में अगर कोई दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस ने बताया कि इस तरह की आशंका है कि लड़कियों ने बुधवार दोपहर लगभग तीन बजे साई महिला होस्टल के भीतर जहरीला फल ‘ओथालांगा’ खाया। बेहोश होने के बाद शाम को लगभग सात बजे उन्हें अस्पताल ले जाया गया। बाद में उन्हें अलप्पुझा मेडिकल कालेज ले जाया गया जहां उनमें से एक की मौत हो गई। अस्पताल में भर्ती तीनों खिलाड़ियों की हालत गंभीर है और उनमें से दो को पेसमेकर पर रखा गया है। अगले 48 घंटे इनके लिए काफी अहम हैं।
ये लड़कियां पुन्नामाडा के करीब साई के जल क्रीड़ा केंद्र में प्रशिक्षण ले रही थी। लड़कियों के परिजनों ने आरोप लगाया है कि कुछ सीनियर उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे। छात्रावास की वार्डन ने हालांकि इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि उन्हें लड़कियों के बेहोश होने के बाद ही उनकी हालत का पता चला। उन्होंने कहा कि छात्रावास में किसी ने उनका उत्पीड़न नहीं किया है।
पुलिस ने ‘अप्राकृतिक मौत’ का मामला दर्ज कर लिया है।
साई के महानिदेशक इंजेती श्रीनिवास ने गुरुवार को नई दिल्ली में आनन फानन में प्रेस कांफ्रेंस की और इस पूरी घटना की जानकारी दी। उन्होंने कहा- फिलहाल हमारी प्राथमिकता उनका जीवन बचाना है। इन लड़कियों को ऐसा कदम उठाने पर किसने मजबूर किया, इसकी जांच की जाएगी। जो जहर उन्होंने खाया, उसका कोई विषनाशक नहीं है लेकिन उन्हें सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुविधा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि उनकी मौजूदा हालत के बारे में कहना मुश्किल है लेकिन हम इस आपात स्थिति का सामना कर रहे हैं। खेल मंत्री की ओर से मैं आश्वासन देता हूं कि यदि कोई इसमें दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच, अलप्पुझा जिला कलेक्टर एन पद्मकुमार ने अस्पताल में उपचार करा रहीं खिलाड़ियों को देखने के बाद कहा कि मामले की विस्तृत जांच कराई जाएगी।
अपर्णा (जिसकी तड़के मौत हो गई) के एक रिश्तेदार ने आरोप लगाया कि साई छात्रावास के प्रशिक्षुओं को शारीरिक यातनाएं दी जा रही थी। उन्होंने कहा- लड़की को दो दिन पहले कोच ने चप्पू से उसे मारा था जिसकी वजह से वह न खड़ी हो पा रही थी और न बैठ पा रही थी।
उधर, केरल के खेलमंत्री तिरूवंचूर राधाकृष्णन ने कहा है कि राज्य के खेल सचिव मामले की जांच करेंगे। सरकार ने मृतका के परिवार को आर्थिक मदद देने का भी एलान किया। इसके साथ ही कहा कि बाकी तीन लड़कियों के इलाज का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।
खिलाड़ियों के रिश्तेदारों ने यह भी आरोप लगाया कि छात्रावास के करीब कुछ असामाजिक तत्वों को देखा गया था।
इस घटना से हैरान खेल जगत इसकी विस्तृत जांच कराने की मांग की है। पूर्व खिलाड़ी और क्लीन स्पोर्ट्स इंडिया की संस्थापक सदस्य अश्विनी नचप्पा ने इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना करार देते हुए कहा कि जांच की मांग उठाई। इस घटना के विरोध में माकपा की युवा इकाई डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन आफ इंडिया के कार्यकर्ताओं ने पदयात्रा भी निकाली।
अलप्पुझा के जिला कलेक्टर पद्मकुमार ने बताया कि चार लड़कियों को बुधवार को रात नौ बजे अस्पताल पहुंचाया गया जिस समय तक जहर उनके खून में पहुंच चुका था। पद्मकुमार ने कहा- हम दुआ कर रहे हैं। हम नहीं कह सकते कि 14, 16 और 17 साल की ये तीन लड़कियां इस संकट से उबर जाएंगी। दो से तीन दिन में उनकी स्थिति के बारे में पता चलेगा। लड़कियों के पोटेशियम के स्तर को नियंत्रण में रखने के लिए इलाज चल रहा है और इनमें से दो को पेसमेकर पर रखा गया है। उन्होंने बताया कि जब लड़कियों को लाया गया था तो वे होश में थी। उन्होंने बताया कि सबसे युवा लड़की ने सिर्फ एक फल खाया है और उसकी स्थिति थोड़ी बेहतर है। इस तरह की आशंका भी है कि जहर मांसपेशियों में पहुंच गया हो।
परिवार के उत्पीड़न के आरोपों पर कलेक्टर ने कहा कि इनकी जांच की जाएगी। इस बीच केरल के गृह मंत्री रामेश चेन्नीथाला ने बताया कि उन्होंने एरनाकुलम रेंज के पुलिस महानिरीक्षक अजित कुमार को अलप्पुझा पहुंचने को कहा है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि जहरीला फल खाने वाली चारों लड़कियों के संयुक्त दस्तखत वाला सुसाइड नोट बरामद किया गया। पुलिस के मुताबिक चिट्ठी में जिक्र किया गया है कि ‘छोटी गलतियों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया’। खुदकुशी की इस घटना से एक दिन पहले कथित तौर पर साई केंद्र की युवा खिलाड़ियों ने बीयर पी थी। सीनियर खिलाड़ी ने कथित तौर पर इस बाबत उनके साथ सवाल जवाब किया था जिससे वे हताश थीं।