वीरेंद्र सहवाग बल्लेबाजी करते हुए गाना गाते थे। यह बात तो लगभग उनका हर प्रशंसक जानता होगा, लेकिन यह शायद ही किसी को मालूम हो कि जब उनके बल्ले से रन नहीं बनते थे तब वह भजन गाने लगते थे। मुल्तान के सुल्तान के नाम से प्रसिद्ध भारतीय क्रिकेट टीम के इस पूर्व ओपनर ने कॉमेडियन कपिल शर्मा के शो ‘द कपिल शर्मा शो’ (The Kapil Sharma Show) में यह राज खोला था।
कपिल ने वीरेंद्र सहवाग से पूछा, ‘मेरे ख्याल से आप तो यह नहीं सोचते कि टेस्ट, ट्वंवेटी-ट्वंवेटी है या वनडे है।’ इस पर सहवाग ने कहा, ‘मेरा एक ही मानना है कि बॉल आती है तो उसको बाउंड्री पर पहुंचाना मेरा काम है। ये मेरी सोच है। इस सोच में कभी-कभी मैं आउट भी हो जाता था। तो उस सोच को दूर करने के लिए गाना गाने लग जाता था।’ इस पर कपिल ने अचरज जताते हुए पूछा, ‘अच्छा।’ सहवाग ने कहा, ‘गानों का ऐसा किस्सा था कि जब मेरे रन नहीं बनते थे तो मैं भजन गाता था। लेकिन जब रन बनने शुरू हो जाते थे तो फिर बॉलीवुड पर आ जाता था।’
इस पर कपिल ने हंसते हुए कहा, ‘मतलब मौके पर चौका मारते हैं आप।’ सहवाग ने कहा, ‘बिल्कुल। तो ‘चिंटियां कलाइया,’ ‘शीला की जवानी।’ ये सब गाने गाने लग जाता था।’ सहवाग के इतना कहते ही कपिल शर्मा, शो में बैठी ऑडियंस और ‘हॉट सीट’ पर बैठे नवजोत सिंह सिद्धू ताली बजा-बजाकर हंसने लगे। कपिल ने फिर पूछा, ‘पाजी आपने बचपन में भी लोगों की खिड़कियां तोड़ी हैं। अपने मोहल्ले में खेलकर।‘’
सहवाग ने कहा, ‘हां, बिल्कुल, क्योंकि हमारा परिवार बहुत बड़ा होता था, 52 या 55 लोगों को।’ कपिल ने उन्हें बीच में ही टोकते हुए पूछा, ‘जी क्या कहा।’ सहवाग ने कहा, ‘जी, 52-55 लोगों का परिवार। मेरे पिता के पांच बड़े भाई थे। उन सबके 4-4, 5-5 बच्चे थे। और बहुत सारे कजिन ब्रदर थे हम लोग। जब भी कोई स्पोर्ट्स आता था, चाहे हॉकी हो, क्रिकेट हो, फुटबॉल हो तो हम उसको खेलते थे अपने घरों में। तो काफी शीशे तोड़े हैं हमने अपने आसपास के। घर के भी तोड़े हैं।’
सहवाग ने बताया कि जब घर के शीशे टूटते तो थे उनके ताऊ जी बॉल छिपाकर बैठ जाते थे। बॉल खेलने के लिए नहीं देते थे। सहवाग ने बताया, ‘ताऊ जी के ऐसा करने पर हम लोग एक खेल खेलते थे, जिसमें सर्कल बनाकर हम सब उसमें अपनी चप्पलें रख देते थे। चप्पलों पर निशाना लगाते थे कि कौन ज्यादा चप्पलें सर्कल से बाहर निकालेगा। तो वह खेल खेलने लग जाते थे।’ सहवाग की यह बात सुनकर भी शो में बैठे सभी लोग ठहाका लगाकर हंसने लगे।