भारतीय क्रिकेट टीम 1983 में पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनी थी। उस वर्ल्ड कप विजेता टीम के कप्तान थे कपिल देव। उनके अलावा सुनील गावस्कर, कृष्णामचारी श्रीकांत, मोहिंदर अमरनाथ, यशपाल शर्मा, संदीप पाटिल, कीर्ति आजाद, रोजर बिन्नी, मदन लाल, सैयद किरमानी और बलविदंर सिंह संधू फाइनल खेलने वाली टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन का हिस्सा थे। यहां हम जिस घटना के बारे में बात करने जा रहे हैं वह यशपाल शर्मा से जुड़ा है।

यशपाल शर्मा ने टीम इंडिया में अपनी एंट्री को लेकर जनवरी 2020 में कपिल शर्मा के शो में एक सनसनीखेज खुलासा किया था। उन्होंने बताया था कि टीम इंडिया में उनकी एंट्री बॉलीवुड में ट्रेजडी किंग के नाम से मशहूर दिलीप कुमार की सिफारिश पर हुई थी। यही वजह है कि दिलीप कुमार के प्रति उनके मन में असीम प्यार है। जब कभी भी वह दिलीप कुमार की तबीयत खराब होने की खबर सुनते हैं तो असहज हो जाते हैं।

दरअसल शो के दौरान संदीप पाटिल ने बताया कि यशपाल शर्मा को क्रांति फिल्म बहुत पसंद है। वह सुबह दोपहर शाम जब भी देखो क्रांति फिल्म ही देखते रहते थे। उनके कारण हम लोगों को दूसरी फिल्में देखने को नहीं मिलती थीं। इस पर कपिल ने यशपाल से पूछा कि पाजी आपको क्रांति फिल्म क्यों इतनी पसंद है? इस पर यशपाल शर्मा ने कहा था, ‘उसका भी एक किस्सा है। आप लोग दिलीप कुमार जी को दिलीप साब कहते हैं, लेकिन मैं उन्हें यूसुफ भाई कहता हूं। अगर क्रिकेट में मेरी जिंदगी बनाई है तो यूसुफ भाई ने बनाई है।’

यशपाल शर्मा ने कहा, ‘मैं रणजी ट्रॉफी प्लेयर था। मैं किसी एक कंपनी के ग्राउंड में रणजी ट्रॉफी नॉकआउट का मैच खेल रहा था। जिस कंपनी का ग्राउंड था यूसुफ भाई उसके डायरेक्टर थे, लेकिन यह बात मुझे तब पता नहीं थी। पहली पारी में मैं शतक बना चुका था। दूसरी पारी में मैं 80 के करीब खेल रहा था। तभी मुझे दिखा कि गेट से 3-4 गाड़ियां आईं। सफेद कपड़ों में कोई उतरा तो मुझे लगा कि लोकल नेता होंगे। वह आए उन्होंने मैच देखा। मेरा शतक पूरा हुआ, तो उन्होंने क्लैपिंग की।’

यशपाल शर्मा ने बताया, ‘जब मैच खत्म हुआ तो एडमिनिस्ट्रेशन ने आकर बोला कि आप चलिए, आपसे कोई मिलना चाहता है। मैं जब ऑफिस में गया तो वहां पर मेरे पास कोई शब्द नहीं थे। जब मैं सामने अंदर जाता हूं तो सामने यूसुफ भाई खड़े हैं। उन्होंने मुझसे हाथ मिलाया और कहा, मुझे लगता है कि तेरे में दम है। मैं किसी से बात करूंगा। उन्होंने राजसिंह डूंगरपुर से जाकर बात की कि पंजाब का एक लड़का है। मैं उसकी बैटिंग देखकर आया हूं। उन्होंने (राजसिंह डूंगरपुर) भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में बात की। यह बात बाद में मुझे राजसिंह डूंगरपुर साहब ने ही बताई थी कि तुम्हारी जो रिकमंडेशन (सिफारिश या अनुशंसा) थी, वह यूसुफ भाई ने की थी।’