ओलंपिक पदक के दावेदारों में शुमार जापान के स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी केंटो मोमोता को गैरकानूनी कैसिनो में जुआ खेलने के लिए रियो ओलंपिक जा रही जापान की बैडमिंटन टीम से बाहर कर दिया गया है। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। निप्पन बैडमिंटन संघ ने इस खिलाड़ी के भाग्य पर फैसला करने के लिए हुई आपात बैठक के बाद दुनिया के दूसरे नंबर के 21 वर्षीय खिलाड़ी को अनिश्चितकाल तक प्रतिस्पर्धा से प्रतिबंधित कर दिया। टीम के साथी केनिची तागो को भी गैरकानूनी बोली लगाने के लिए दोषी पाया गया और उन्हें भी संस्था की अधिकारिक खिलाड़ी सूची से अनिश्चितकाल के लिए हटा दिया गया। मोमोता ने इसी महीने तीन अप्रैल को नई दिल्ली में डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसन को हराकर इंडिया ओपन सुपर सीरीज का खिताब जीता था।

मोमोता विश्व कप में पदक जीतने वाले जापान के पहले बैडटिंन खिलाड़ी हैं। उन्होंने पिछले साल अगस्त में जकार्ता में हुई विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। उन्हें रियो ओलंपिक में पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। जापान में पिछले हफ्ते इस घटना के सार्वजनिक होने के बाद जापान बैडमिंटन संघ के प्रमुख किंजी जेनिया टेलीविजन पर रो पड़े थे और उन्होंने इन खिलाड़ियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया था। जापान सरकार के मंत्री भी इन खिलाड़ियों की आलोचना में शामिल हो गए। जेनिया ने कहा था कि यह निहायत जरूरी है कि इस गैरकानूनी कृत्य में शामिल खिलाड़ियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। हालांकि उन्होंने 2020 में तोक्यों में होने वाले ओलंपिक में मोमोता के भाग लेने की संभावनाओं को खुला रखा। उन्होंने कहा कि इन खिलाड़ियों के तोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने की संभावनाएं खत्म नहीं हुई हैं। पर इन खिलाड़ियों को अपने किए की गंभीरता को समझना होगा। जुआ खेलना आमतौर पर जापान में गैरकानूनी है।

मोमोता ने मीडिया के सामने अपनी गलती स्वीकार की और माना कि वे छह बार इस कैसिनो में गए थे और उन्होंने पांच लाख येन (4500 डालर) जुए में लगाए थे। जबकि छह बार के जापानी चैंपियन तागो ने माना कि उन्होंने जुए में एक लाख डालर बर्बाद किए। रियो में पदक के प्रबल दावेदारों में शुमार मोमोता ने पिछले साल दुबई में सुपर सीरीज मास्टर्स में भी खिताब जीता था।