जम्मू-कश्मीर के द इंडियन हेवन्स प्रीमियर लीग (IHPL) घोटाला में दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (DDCA) ने आशु दानी को दिल्ली क्रिकेट में पुरुष जूनियर चयन समिति के अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया। इस पूर्व प्रथम श्रेणी खिलाड़ी पर लीग के आयोजकों और खिलाड़ियों के बीच समन्वयक के रूप में काम करने का आरोप है। आईएचपीएल श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में युवा सोसाइटी मोहाली नामक एक समूह की ओर से आयोजित एक निजी क्रिकेट लीग थी। इसके आयोजक कथित तौर पर खिलाड़ियों, मैच अधिकारियों, कमेंटेटरों और होटल को भुगतान किए बिना शहर छोड़कर चले गए।

डीडीसीए के सचिव अशोक शर्मा ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “डीडीसीए ने अंडर-19 और अंडर-16 दोनों जूनियर पुरुष टीमों की चयन समिति के अध्यक्ष पद से दानी को हटाने का फैसला किया है।” एक आधिकारिक पत्र में डीडीसीए के अंतरिम सीईओ और महाप्रबंधक आरआर सिंह ने खिलाड़ियों, कोचों, सहयोगी स्टाफ और मैच अधिकारियों को अनधिकृत लीग का हिस्सा बनने को लेकर चेताया है।

चेन्नई सुपर किंग्स के पूर्व क्रिकेटर ने बताया कैसे झांसे में खिलाड़ी?

दानी ने संपर्क करने पर कॉल और संदेशों का जवाब नहीं दिया। चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के पूर्व खिलाड़ी ईश्वर पांडे ने बताया कि उन्हें और अन्य खिलाड़ियों को कैसे साइन किया गया। उन्होंने कहा, “आमतौर पर होता यह है कि एक भारतीय खिलाड़ी को 10% साइनिंग राशि मिलती है, 50% राशि टूर्नामेंट के दौरान दी जाती है और बाकी बाद में। लेकिन हमें केवल 10% ही मिला। ऐसे टूर्नामेंट खिलाड़ियों के एक-दूसरे को रेफर करने पर चलते हैं। इसलिए एक खिलाड़ी ने मुझसे संपर्क किया और मैंने हां कह दिया। जब हम यहां आए तो सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन अचानक तब स्थिति बिगड़ गई जब कोई भुगतान नहीं किया गया।”

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होटल को 51 लाख रुपये का भुगतान बाकी

रेडिसन ब्लू के मालिक मुश्ताक छाया ने कहा कि उन्हें अभी भी 51 लाख रुपये का भुगतान नहीं किया गया है। छाया ने कहा, “उन्होंने (आयोजकों ने) पूरे टूर्नामेंट के लिए हमारा होटल बुक किया था और इस दौरान 1,800 कमरों का अनुबंध था। इसमें से वे पहले ही 800-900 कमरे ले चुके थे।”

कैसे मामाला आया सामने

छाया ने कहा कि उन्होंने आयोजकों से फोन पर संपर्क किया और उन्हें बताया गया कि भुगतान हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उत्तर प्रदेश के पूर्व तेज गेंदबाज अंकित राजपूत ने कहा कि यह मामला तब सामने आया जब इंग्लैंड की एक अंपायर मेलिसा जुनिपर ने अपनी चिंता व्यक्त करने के लिए ब्रिटेन की दूतावास को फोन किया। उन्होंने कहा, “हमें पता चला कि उन्होंने दूतावास को फोन किया। फिर पुलिस आ गई।” पुलिस के हस्तक्षेप के बाद ही खिलाड़ी और अन्य लोग वहां से निकल पाए।

टिकट नहीं बिके तो प्रायोजकों ने हाथ खींच लिए

टूर्नामेंट की पूर्व संध्या पर जम्मू-कश्मीर खेल परिषद (J&K Sports Council) की सचिव नुजहत गुल ने एक टीवी इंटरव्यू में इस आयोजन को एक “मील का पत्थर” बताया था। परिषद “खेलों को बढ़ावा देने और बुनियादी ढांचे के निर्माण” के लिए कार्यरत एक स्वायत्त संस्था है। संपर्क किए जाने पर मंगलवार (4 नवंबर) को गुल ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “हम खेल पहलों का समर्थन करना चाहते हैं क्योंकि हमारा सबसे बड़ा उद्देश्य युवाओं को जोड़ना है। दुर्भाग्य से, यह एक गलत व्यावसायिक मॉडल था। लीग का समय गलत था और मौसम ठंडा था, इसलिए शाम 6 बजे के बाद लोग बख्शी स्टेडियम में क्रिकेट देखना नहीं चाहते थे। जब टिकट नहीं बिके, तो प्रायोजकों ने हाथ खींच लिए। सरकार के प्रतिनिधि के रूप में मुझे खुशी थी कि क्रिस गेल जैसे खिलाड़ी के साथ एक क्रिकेट लीग श्रीनगर में हो रही है। भविष्य में, हम और भी जांच-पड़ताल करेंगे।” गुल ने पुष्टि की कि जम्मू-कश्मीर खेल परिषद ने किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं किया है और न ही आयोजन के प्रमोटरों से कोई धन प्राप्त किया है।

कैसे सामने आया मामला

श्रीनगर में आयोजित द इंडियन हेवन्स प्रीमियर लीग के दसवें दिन 2 नवंबर को भारत के पूर्व तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार जैसे बड़े नामों सहित 50 से ज्यादा खिलाड़ियों को करारा झटका लगा। आयोजकों ने उनका भुगतान नहीं किया था ऐसे में खिलाड़ी जाना चाहते थे, लेकिन होटल के कर्मचारियों ने 51 लाख रुपये के बिलों का हवाला देते हुए उन्हें चेक आउट नहीं करने दिया। खिलाड़ियों के बीच यह खबर फैल गई थी कि लीग में खेलने वाले क्रिस गेल और न्यूजीलैंड के जेसी राइडर जैसे कुछ विदेशी सितारे सुबह ही भारत छोड़ चुके थे।

प्रवीण कुमार ने क्या बताया

प्रवीण कुमार ने द इंडियन एक्सप्रेस को घटनाक्रम बताते हुए कहा, “सब कुछ सामान्य था, लेकिन अचानक यह खबर फैल गई कि लीग के आयोजक फोन कॉल का जवाब नहीं दे रहे हैं और शाम के मैच को लेकर संशय की स्थिति बन गई। फिर किसी ने बताया कि गेल और राइडर वापस चले गए हैं। कई खिलाड़ियों को भुगतान नहीं किया गया था इसलिए कुछ ने होटल से ही चेक आउट करने का फैसला किया।” ईश्वर पांडे ने कहा, “कुछ खिलाड़ी होटल के कर्मचारियों पर चिल्ला रहे थे। सुबह 11:30 बजे से शाम 5:30 बजे के बीच किसी भी खिलाड़ी या टीम अधिकारी को बाहर जाने की अनुमति नहीं थी।”