ऑस्ट्रेलिया के 23 वर्षीय बल्लेबाज जेक फ्रेसर मैकगर्क ने एक बार फिर से क्रिकेट जगत में धूम मचा दी है। उन्होंने 29 गेंदों पर शतक लगाते हुए तहलका मचाया। हालांकि, हाल ही में इंडिया ए के खिलाफ कानपुर में खेली गई तीन मैचों की वनडे सीरीज में वह कुछ खास नहीं कर पाए थे। मगर अब उन्होंने अपने देश लौटते ही 38 गेंद पर 125 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेलते हुए धूम मचा दी है। इस शतक के बाद निश्चित ही फैंस सोच रहे होंगे कि क्या एबी डिविलियर्स का 31 गेंदों पर सबसे तेज वनडे शतक का रिकॉर्ड टूट गया है?

जी नहीं, क्योंकि जेक फ्रेसर मैकगर्क ने यह शतकीय पारी ऑस्ट्रेलिया के घरेलू लिस्ट ए मैच में खेली है। उन्होंने तस्मानिया के खिलाफ 38 गेंद पर 10 चौके और 13 छक्के लगाकर 125 रन की पारी खेल। लिस्ट ए में यह उनका पहला शतक बन गया है। जबकि पिछले हफ्ते ही भारत की ए टीम के खिलाफ वह फ्लाप साबित हुए थे। तीन पारियों में वह 23,36 और 5 रन ही बना पाए थे। मगर उनका यह शतक उनके लिए ऑस्ट्रेलियाई टीम में वापसी के लिहाज से काफी अहम साबित हो सकता है। उन्हें भारत के खिलाफ सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया के वनडे या टी20 किसी स्क्वाड में जगह नहीं मिली है।

आईपीएल में किया था ताबड़तोड़ आगाज

जेक फ्रेसर मैकगर्क ने आईपीएल में भी शानदार आगाज किया था। दिल्ली कैपिटल्स के लिए खेलते हुए आईपीएल 2024 में उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से सभी को हैरान कर दिया था। 9 मैचों में ही उनके बल्ले से 330 रन निकले थे जिसमें चार अर्धशतक शामिल थे। उनका स्ट्राइक रेट 230 से भी अधिक का था। इस कारण दिल्ली कैपिटल्स ने 2025 के लिए उन्हें 9 करोड़ रुपए देकर रिटेन किया था। लेकिन 2025 में 6 मैच खेलते हुए वह सिर्फ 55 रन ही बना पाए थे और बुरी तरह फेल साबित हुए थे।

इंटरनेशनल क्रिकेट में नहीं छू पाए 50 का आंकड़ा

वहीं जेक फ्रेसर मैकगर्क के इंटरनेशनल करियर की बात करें तो उन्हें आईपीएल 2024 से पहले वनडे टीम में डेब्यू का मौका मिला था। फिर सितंबर में आईपीएल के बाद उन्होंने टी20 इंटरनेशनल डेब्यू भी किया। वह अभी तक ऑस्ट्रेलिया के लिए 7 वनडे और 8 टी20 इंटरनेशनल ही खेले हैं। वनडे टीम से वह इस साल फरवरी में ही बाहर हो गए थे। जबकि टी20 में आखिरी बार जुलाई 2025 में वेस्टइंडीज के खिलाफ नजर आए थे। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खास प्रदर्शन नहीं किया है। वनडे में वह सिर्फ 7 पारियों में 98 और टी20 की 8 पारियों में 115 रन ही बना पाए हैं। एक बार भी इंटरनेशनल क्रिकेट में उन्होंने 50 का आंकड़ा नहीं छुआ।