उच्चतम न्यायालय के एन श्रीनिवासन के चुनाव लड़ने पर रोक लगाए जाने के मद्देनजर बीसीसीआई के आला अधिकारियों को भविष्य की कार्रवाई पर फैसला करने के लिए बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की सलाह का इंतजार है।

उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद सभी की निगाहें जेटली पर टिक गई हैं जिनके सभी कानूनी मुद्दे पर बीसीसीआई को सलाह देने और इन मुद्दों का हल ढूंढने की उम्मीद है।

बीसीसीआई में हालांकि सत्ता को लेकर हलचल तेज हो गई है और विभिन्न समूह अपनी रणनीतियां बना रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी से जुड़े होने के कारण कम से कम आठ मतों पर प्रभाव डालने वाले जेटली ऐसे में आगामी वार्षिक आम बैठक में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।

श्रीनिवासन ने लगातार दूसरे दिन इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया और पता चला है कि तमिलनाडु का यह प्रशासक उच्चतम न्यायालय के आदेश का विस्तार से अध्ययन कर रहा है।

निवर्तमान अध्यक्ष श्रीनिवासन को पूर्व क्षेत्र ने प्रस्तावक और अनुमोदक की जरूरत होगी क्योंकि इस बार अध्यक्ष चुनने की बारी इस क्षेत्र की है। पूर्व क्षेत्र की बारी को देखते हुए आईसीसी और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया वर्षों के अनुभव के कारण अंतरिम अध्यक्ष शिवलाल यादव के साथ प्रबल दावेदार के रूप में उभरे हैं।

इस मुद्दे की समझ रखने वाले बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘अरुण जेटली से स्वीकृति नहीं मिलने तक जगमोहन डालमिया कोई कदम नहीं उठाएंगे क्योंकि वह बीसीसीआई की राजनीति के सबसे ताकतवर व्यक्ति हैं। जेटली 25 जनवरी को दावोस (वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम) से वापस लौटेंगे। उनके लौटने के बाद डालमिया मंत्री के साथ विस्तृत चर्चा करेंगे और उसके बाद कोई फैसला करेंगे।’’

वर्षों तक डालमिया के काम करने के तरीके को देखने वाले इस अधिकारी ने कहा कि हालांकि श्रीनिवासन डालमिया का काफी सम्मान करते हैं लेकिन लोगों को समझना होगा कि उनकी उम्र बढ़ रही है और ऐसे में किसी और विकल्प से इनकार नहीं किया जा सकता।

इस बीच डालमिया ने कोलकाता में संवाददाताओं से बात करने के अपने रुख को लेकर कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई। उन्होंने कहा, ‘‘माननीय उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को ही अपना आदेश दिया है। निश्चित समय सीमा में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी और इसे लागू किया जाएगा।’’

डालमिया ने कहा, ‘‘हालांकि फिलहाल हमें इंतजार करना होगा क्योंकि छह हफ्ते काफी लंबा समय है। मुझे यकीन है कि कुछ दिनों में चीजें साफ हो जाएंगी। उम्मीद है कि बीसीसीआई जल्द की बैठक करके आगे बढ़ने का तरीका ढूंढेगा।’’

अध्यक्ष पद के लिए एक और मजबूत दावेदार मौजूदा अंतरिम अध्यक्ष शिवलाल यादव हो सकते हैं जो श्रीनिवासन के परखे हुए व्यक्तियों में शामिल हैं। शिवलाल ने कहा, ‘‘हम उच्चतम न्यायालय के आदेश का अध्ययन कर रहे हैं और इसके मुताबिक चलेंगे।’’

उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में श्रीनिवासन को हितों के टकराव के कारण बीसीसीआई के चुनाव में हिस्सा लेने से रोक दिया था।