दोहा में जारी ISSF (इंटरनेशनल शूटिंग स्पोर्ट फेडरेशन) वर्ल्ड कप में भारत के नाम अब कुल 6 पदक हो गए हैं। रविवार को युवा सिमरनप्रीत कौर बरार ने मुश्किल मुकाबले में जीत हासिल करके महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल में स्वर्ण पदक जीता। वहीं भारत की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन चैंपियन ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर ने अपने पहले आईएसएसएफ विश्व कप फाइनल में रजत पदक अपने नाम किया।

इसके अलावा विश्व चैंपियनशिप की 25 मीटर रैपिड-फायर पिस्टल स्पर्धा के रजत पदक विजेता अनीश भानवाला ने भी दूसरा स्थान हासिल किया। भारत के पदकों की संख्या छह हो गई जिसमें कुल दो स्वर्ण, तीन रजत और एक कांस्य पदक शामिल हैं। इस तरह दूसरे दिन भी शानदार प्रदर्शन के साथ भारत ने पदक तालिका में चीन के बाद दूसरा स्थान बनाए रखा। पहले स्थान पर मौजूद चीन के पास तीन स्वर्ण, दो रजत और तीन कांस्य पदक हैं।

मनु भाकर ने किया निराश

महिलाओं की थ्री पोजीशन स्पर्धा में सिफत कौर सामरा और महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल में मनु भाकर क्वालिफिकेशन चरण से आगे नहीं बढ़ पाईं। सिफत ने अपनी रिले में 584 का स्कोर किया और 10वें स्थान पर रहीं, जबकि मनु 581 के स्कोर के साथ अपने नौवें स्थान पर रहीं।

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25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में अनीश ने मौजूदा विश्व चैंपियन फ्रांस के क्लेमेंट बेसागुएट के साथ तनावपूर्ण शूट-ऑफ में जीत हासिल करके खुद को स्वर्ण पदक की दौड़ में बनाए रखा। चीन के पेरिस ओलंपिक चैंपियन ली यूहोंग ने 33 अंक के साथ स्वर्ण पदक जीत लिया जबकि अनीष ने 31 अंक से रजत पदक जीता। बेसागुएट तीसरे स्थान पर रहे और ओलंपियन विजयवीर सिद्धू उनके पीछे चौथे स्थान पर रहे।

सिमरनप्रीत को मिला बलिदान का फल?

आपको बता दें इस वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीतने वाली सिमरनप्रीत ने लीमा में विश्व कप में रजत पदक जीता था। उनके पिता ने अपनी बेटी के लिए सरकारी नौकरी छोड़ दी थी और बड़ा बलिदान दिया था। इस निशानेबाज ने फाइनल में 41 का शानदार स्कोर बनाकर अपने करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल की और अपने माता-पिता को फक्र महसूस कराया। उन्होंने साथ ही विश्व जूनियर रिकॉर्ड की बराबरी भी की। इस तरह उनके पिता को बलिदान का फल मिला।

फाइनल में क्या-क्या हुआ?

आठ निशानेबाजों के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने वाली दूसरी भारतीय ईशा सिंह सातवें स्थान पर रहीं। ओलंपिक में दो कांस्य पदक जीतने वाली मनु भाकर क्वालिफिकेशन दौर में 581 के स्कोर के साथ नौवें स्थान पर रहने के बाद फाइनल में जगह नहीं बना पाईं। क्वालिफिकेशन दौर में 21 साल की सिमरनप्रीत ने 585 के स्कोर से पांचवें स्थान से जबकि ईशा ने 585 के स्कोर से चौथे स्थान से फाइनल में जगह बनाई।

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सिमरनप्रीत ने धीमी शुरुआत की जिसमें वह पहले पांच शॉट की सीरीज में तीन निशाने चूक गईं और आठवें (अंतिम) स्थान पर खिसक गईं। लेकिन उसके बाद उन्होंने वापसी की और तीन परफेक्ट ‘5’ के शॉट लगाकर चीन की शीर्ष निशानेबाज और मौजूदा 10 मीटर एयर पिस्टल विश्व चैंपियन याओ कियानक्सुन (36 अंक से रजत) और जर्मनी की पूर्व विश्व चैंपियन डोरेन वेनेकैंप (कांस्य पदक) को पीछे छोड़ दिया।