भारत ने शुक्रवार को शूटिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में पहली बार मिक्स्ड टीम इवेंट में गोल्ड मेडल जीता। शिव नरवाल और ईशा सिंह की जोड़ी ने बाकू में गोल्ड मेडल के साथ इतिहास रच दिया। 17 साल के शिव नरवाल के आत्मविश्वास के लिए यह गोल्ड मेडल काफी अहम है। उनका परिवार इस समय एक दुख से निकलने की कोशिश में लगा हुआ है जिसपर यह गोल्ड मरहम का काम करेगा।

शिव ने खोया बड़ा भाई

शिव नरवाल पांच भाई बहन हैं जिनमें से तीन शूटिंग से जुड़े हुए हैं। शिव नरवाल के अलावा उनकी छोटी बहन वर्ल्ड चैंपियनशिप की मेडलिस्ट हैं, वहीं उनके भाई पैरालिंपिक्स में गोल्ड जीत चुके हैं। पिछले साल नवंबर में इन सभी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा जब उनके बड़े भाई का कार एक्सीडेंट में निधन हो गया था। भाई को खोने के गम का असर तीनों के खेल पर पड़ा।

शिव पर पड़ा भाई की मौत का गहरा असर

शिव नरवाल के पिता ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘वह गाड़ी चला रहा था जब पानी के टैंकर ने उन्हें टक्कर मारी। तीनों बच्चे नेशनल कैंप में थे। मैंने उन्हें पूरा दिन कुछ नहीं बताया। अगले दिन मैंने भारतीय पैरालिंपिक्स के अधिकारी को जानकारी दी और बच्चों को घर बुलाया। शिखा और मनीष काफी दिन तक केवल रोते रहे जबकि शिव के अंदर नाराजगी थी।’

वर्ल्ड चैंपियनशिप से पहले भी हुई परेशानी

शिव उस समय कैंप के टॉप पिस्टल शूटर्स में थे लेकिन हादसे के बाद वह पांचवें स्थान पर फिसल गए। इसके बावजूद शिव को एशियन गेम्स और वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए चुन लिया गया। हालांकि शिव की मुश्किलें खत्म नहीं हुई। वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए रवाना होने से पहले शिव को कंजेकटीवायरस हो गया जिससे वह काफी दिन तक परेशान रहे। वह आधे घंटे भी लगातार अभ्यास नहीं कर पा रहे थे। हालांकि शिव ने हार नहीं मानी वह कोशिश करते रहे जिसका असर वर्ल्ड चैंपियशिप में दिखाई दिया जहां शिव ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया।