भारतीय टीम के तेज गेंदबाज इशांत शर्मा ने अपनी समस्या का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में जब भी आपको समस्या होती है तो हर कोई आपको अपनी परेशानी बता देता है। लेकिन, कोई समाधान नहीं बताता है। इन दिनों इशांत रणजी मुकाबलों में अपना दम दिखा रहे हैं। इसी दौरान उन्होंने कहा कि मेरी समस्या का हल केवल जेसन गिलेस्पी ने ही दिया, जिसे मैं लंबे समय से ढूंढ रहा था।

इशांत ने हैदराबाद के खिलाफ रणजी ट्राफी मुकाबले के बाद फिरोज शाह कोटला पर कहा कि भारत में समस्या यह है कि हर कोई आपको समस्या के बारे में बता देगा लेकिन कोई भी आपको हल नहीं बतायेगा। अब हल जानना सबसे अहम पहलू है। भारत के लिये 96 टेस्ट और 292 विकेट हासिल करने वाले इस अनुभवी ने कहा, ‘‘मैंने महसूस किया कि शायद एक या दो लोगों ने ही निदान मुहैया कराने पर काम किया। समस्या के बारे में हर कोई आपको बता देगा लेकिन जो अच्छा कोच है, वो आपको हल के बारे में भी बता देगा।

ससेक्स में गिलेस्पी की कोचिंग में खेलने वाले इशांत ने कहा कि कई लोगों ने मुझे कहा कि मुझे फुल लैंग्थ गेंदों में अपनी रफ्तार बढ़ाने की जरूरत है। लेकिन किसी ने भी यह नहीं बताया कि क्या किया जाये? लेकिन जब मैं काउंटी क्रिकेट खेलने गया तो जेसन गिलेस्पी ने मुझे हल बताया। उन्होंने कहा कि गिलेस्पी ने मुझे कहा कि फुल लैंथ गेंदों में रफ्तार बढ़ाने के अलावा आपको गेंद बस छोड़नी नहीं है, बल्कि निशाने पर हिट करनी है कि यह घुटने तक पहुंचनी चाहिए।

धोनी की कप्तानी का जिक्र करते हुए इशांत ने बताया कि उस समय हममें से कुछ के पास उतना अनुभव नहीं था। साथ ही तेज गेंदबाजों को काफी रोटेट किया जाता था, यही कारण है कि एक ग्रुप के रूप में निरंतरता हासिल नहीं की जा सकी। इशांत ने कहा कि अगर आप जानते हो कि आपका तीन-चार तेज गेंदबाजों (अब जसप्रीत बुमराह के साथ) का पूल है तो इससे संवाद बढ़ जाता है। पहले छह से सात गेंदबाज होते थे तो इतनी बातचीत नहीं होती थी। (एजेंसी इनपुट के साथ)