विजय हजारे ट्रॉफी के पहले राउंड में बुधवार (25 दिसंबर) को भारत के पूर्व कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे दिग्गज खिलाड़ियों समेत इशान किशन, देवदत्त पडिक्कल और वैभव सूर्यवंशी जैसे युवा खिलाड़ियों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया। पहले राउंड में 22 शतक लगे, लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे भी थे जिनका प्रदर्शन काफी खराब रहा। इनमें भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत शामिल हैं।

सफेद गेंद के क्रिकेट में ऋषभ पंत अपनी क्षमता के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। इसके कारण वह भारत की टी20 टीम से बाहर हैं और हालात ऐसे ही रहे तो वनडे टीम से उनका पत्ता कट सकता है। भारत की टी20 टीम से शुभमन गिल की छुट्टी कराने वाले इशान किशन उनकी जगह ले सकते हैं। इशान ने पंत का वनडे टीम से पत्ता काटने के लिए चाल भी चल दी है। वह विजय हजारे ट्रॉफी में झारखंड के लिए मिडिल ऑर्डर में खेल रहे हैं।

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राहुल-पंत से इशान की टक्कर

इशान किशन जानते हैं कि भारतीय वनडे टीम में उनकी वापसी टॉप-ऑर्डर में खेलकर नहीं हो सकती। उनकी प्रतिस्पर्धा केएल राहुल और रिजर्व विकेटकीपर ऋषभ पंत से है। यही कारण है कि इशान ने वनडे घरेलू क्रिकेट में मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाज करना शुरू कर दी है। कर्नाटक के खिलाफ मैच में इशान ने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने सिर्फ 33 गेंदों पर शतक जड़ा। उनकी 39 गेंद पर 125 रनों की पारी की मदद से झारखंड ने 412 रनों का स्कोर खड़ा किया। आने वालों में उनका यह प्रदर्शन जारी रहा तो वनडे टीम में उन्हें चुनने पर विचार किया जा सकता है।

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इशान का वनडे में रिकॉर्ड शानदार

इशान का वनडे में रिकॉर्ड शानदार है। उन्होंने 27 मैचों की 24 पारियों में 42.40 के औसत से 933 रन बनाए हैं। उन्होंने एक ही शतक जड़ा है, जिसे उन्होंने दोहरा शतक में बदला था। उनका स्ट्राइक रेट 102.19 का है। वह ओपनिंग से नंबर 5 तक हर नंबर पर बल्लेबाजी कर चुके हैं। हर पोजिशन पर उन्होंने कम से कम अर्धशतक जड़ा है।

पंत का क्यों कट सकता है पत्ता

ऋषभ पंत का पत्ता कट सकता है क्योंकि वह सालभर से भारत की वनडे टीम का हिस्सा जरूर हैं, लेकिन उन्हें खेलने को नहीं मिला। राहुल वनडे टीम के फर्स्ट च्वाइस विकेटकीपर हैं, लेकिन साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में श्रेयस अय्यर के न होने पर पंत को आजमाया जा सकता था। कुछ नहीं तो कम से कम एक मैच में मौका दिया जा सकता था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। वह बुधवार को 15 महीने बाद वनडे मैच खेले। इससे यह सवाल खड़े होते हैं कि क्या भारतीय टीम प्रबंधन की योजनाओं में पंत हैं? पंत को भरोसा जीतने के लिए विजय हजारे ट्रॉफी में मिले मौके का फायदा उठाना होगा। उन्हें बड़ी पारी खेलनी होगी। ऐसा नहीं हुआ तो कहीं न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज से ही उनका पत्ता साफ न हो जाए।