भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 13वें सीजन के लिए टेंडर (निविदाएं) आमंत्रित कीं हैं। बोर्ड ने टाइटल स्पॉन्सरशिप राइट्स हासिल करने की इच्छा रखने वाली कंपनियों के लिए कंपनियों के लिए कुछ शर्तें भी रखीं हैं। बीसीसीआई के सचिव जय शाह की ओर से जारी 13 बिंदुओं वाले इस नोटिफिकेशन में स्पष्ट है कि सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को ही इसके राइट्स मिलें, यह जरूरी नहीं। वैसे सामान्य तौर पर किसी भी टेंडर प्रकिया में सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को ही सफलता मिलती है।

बीसीसीआई के नोटिफिकेशन के मुताबिक, ‘नए टाइटल स्पॉन्सर का करार साढ़े चार महीने का होगा। आवेदन 14 अगस्त तक जमा होंगे। 18 अगस्त को अधिकार पाने वाले के नाम का ऐलान किया जाएगा। यह अधिकार 18 अगस्त 2020 से 31 दिसंबर 2020 की अवधि के लिए होंगे। इसके बारे में विस्तार से जानकारी उन्हीं पक्षों को दी जाएगी, जो ईओआई (एक्सप्रेस ऑफ इंटरेस्ट) जमा करेंगे और योग्य पाए जाएंगे।।’

बीसीसीआई के मुताबिक, ‘सिर्फ उन्हीं कंपनियों के टेंडर स्वीकार किए जाएंगे, जिनका टर्नओवर पिछले ऑडिट खातों के अनुसार 300 करोड़ रुपये से ज्यादा का होगा। बोली के साथ जांचे गए खातों की प्रति भी जमा करनी होगी।’ बता दें कि हाल ही में बीसीसीआई अध्‍यक्ष सौरव गांगुली ने कहा था कि वीवो के पीछे हटने से उन्‍हें झटका जरूर लगा है, लेकिन यह कोई बड़ी परेशानी की बात नहीं है।

बीसीसीआई ने साफ कर दिया है कि मध्यस्थ या एजेंट इस प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकते। यदि किसी ने इनका इस्तेमाल करने की कोशिश की तो उनकी बोलियां रद्द कर दी जाएंगी। यही नहीं, न तो बीसीसीआई और न ही इसके पदाधिकारी, कर्मचारी या एजेंट, किसी भी परिस्थिति में, किसी भी तरह से किसी भी कीमत, देनदारियों, नुकसान या किसी भी प्रकार के खर्च के लिए जिम्मेदार या उत्तरदायी होंगे।

बता दें कि चीनी मोबाइल कंपनी वीवो (VIVO) ने आईपीएल 2020 की टाइटल स्पॉन्सरशिप छोड़ दी है। उसके बाद से ही दुनिया की सबसे महंगी घरेलू टी20 क्रिकेट लीग के 13वें सीजन के लिए नए स्पॉन्सर्स की तलाश तेज हो गई है। इस दौड़ में रामदेव की पतंजलि भी शामिल हो गई है। खबरें हैं कि इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और टाटा ग्रुप भी राइट्स पाने की कोशिश में जुटे हैं।