इंडियन प्रीमियर लीग 2026 (IPL 2026) से पहले 16 दिसंबर को मिनी ऑक्शन होना है। इससे पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की ओर से बोली के लिए जारी 359 खिलाड़ियों की लिस्ट में मणिशंकर मुरसिंह का नाम भी शामिल है, जिन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025 में दिल्ली और कर्नाटक के खिलाफ त्रिपुरा की जीत के बाद चर्चा में आए हैं। अहमदाबाद में कर्नाटक के खिलाफ सोमवार (8 दिसंबर) को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी मैच में त्रिपुरा की सुपर ओवर जीत में अहम भूमिका निभाने वाले मणिशंकर मुरसिंह ने क्रिकेट एक ऐसी जगह सीखा, जहां यह खेल बहुत प्रचलित नहीं था।
मणिशंकर मुरसिंह का गांव अगरतला से 75 किलोमीटर दूर मुरसिंह पारा में राज्य क्रिकेट का कोई नामोनिशान नहीं था, टेलीविजन पर भी कभी-कभार मैच देखने को मिलता था। यहां एक धूल भरे मैदान में लोग टेनिस-बॉल क्रिकेट खेलते थे। मणिशंकर के फिजिकल इंस्ट्रक्टर पिता को क्रिकेट काफी पसंद था और वह अपने बेटे को यह खेल खेलने का मौका देना चाहते थे। मुरसिंह ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “मैंने ज्यादा त्रिपुरा का क्रिकेट नहीं देखा। फॉलो करने के लिए ज्यादा बड़े नाम नहीं थे। मैं टेलीविजन पर क्रिकेट देखकर बड़ा हुआ। मेरे पिताजी मुझे गांव में टेनिस-बॉल मैच दिखाने ले जाते थे। वहीं से मुझे इस खेल से प्यार हो गया। बाद में मैंने अगरतला में स्टेट गवर्नमेंट एकेडमी एनएसआरसीसी जॉइन की और अंडर-12 और अंडर-14 क्रिकेट खेला।”
ऊबड़-खाबड़ पिच से त्रिपुरा के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ी बनने का सफर
मणिशंकर ने गांव की ऊबड़-खाबड़ पिचों पर क्रिकेट खेलना शुरू किया। इसके बाद वह अगरतला की एक एकेडमी में पहुंचे। अब वह कड़ी मेहनत से त्रिपुरा के कप्तान और सबसे भरोसेमंद ऑलराउंडर बन गए हैं। उन्होंने इसका परिचय सोमवार को दिया जब त्रिपुरा ने कर्नाटक पर जीत हासिल की। 198 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए त्रिपुरा की पारी लड़खड़ा गई थी तो मुरसिंह ने हथियार नहीं डाले बल्कि धैर्य का परिचय दिया। उन्होंने कहा, “मैंने टारगेट के बारे में नहीं सोचा। मैं अपना खेल खेलने की योजना बना रहा था क्योंकि हमने कुछ विकेट खो दिए थे और मैं बस पूरी पारी तक बल्लेबाजी करना चाहता था।”
सुपर ओवर में बल्ले और गेंद से जलवा
35 गेंदों पर 69 रनों की तूफानी पारी खेलकर सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में त्रिपुरा को मैच टाई कराने में मदद करने के बाद मुरसिंह ने सुपर ओवर में गेंद से भी दबाव झेलने का अपना हुनर दिखाया और सिर्फ 18 रन देकर त्रिपुरा को चार रनों से जीत दिलाई। उन्होंने कहा, “जब मैं और श्रीदाम (पॉल) बैटिंग कर रहे थे तो हमारी योजना थी कि हमें 12-16 रन बनाने हैं। हम 22 रन बनाने में कामयाब रहे। जब मैंने सुपर ओवर में बॉलिंग की तो मुझे आत्मविश्वास महसूस हुआ। आप हर दिन सुपर ओवर में 22-23 रन आसानी से चेज नहीं कर पाते।”
दिल्ली के खिलाफ जीत से बढ़ा आत्मविश्वास
कर्नाटक से पहले मणिपुर ने दिल्ली के खिलाफ जीत दर्ज की थी। मुरसिंह का मानना है कि इससे टीम का आत्मविश्वास बढ़ा। उन्होंने कहा, “वह जीत बहुत जरूरी थी। पिच मुश्किल थी, गेंद ठीक से नहीं आ रही थी, इसलिए हमने पहले बैटिंग करने का फैसला किया। उस मैच से पहले झारखंड और सौराष्ट्र के खिलाफ मैच करीबी रहे थे, लेकिन फिर भी हम हार गए थे। इसलिए उस पिच पर दिल्ली को हराने से हमें और खासकर जूनियर खिलाड़ियों को बहुत ज्यादा कॉन्फिडेंस मिला।”
ऋद्धिमान साहा को क्रेडिट
त्रिपुरा के आगे बढ़ने में बाहरी खिलाड़ियों का योगदान रहा है। मुरसिंह ने पिछले कुछ सालों में उनके प्रदर्शन को बेहतर बनाने में पूर्व भारतीय विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा को क्रेडिट दिया है। उन्होंने कहा, “शुरुआती दिनों से ही हमारे पास अच्छे घरेलू खिलाड़ी निशी शेट्टी, विल्किन मोटा, योगेश टकावाले, अब्बास अली, परमिंदर सिंह और उदित पटेल थे। जब ऋद्धि दा (ऋद्धिमान साहा) आए, तो बहुत बड़ा फर्क पड़ा। उनके अनुभव से पूरी टीम को मदद मिली। पिछले 4-5 सालों में रणजी ट्रॉफी, टी20 और विजय हजारे में हमारा प्रदर्शन काफी बेहतर हुआ, जिसका श्रेय काफी हद तक उनके जैसे अनुभवी खिलाड़ियों को जाता है। विजय शंकर शांत स्वभाव के हैं, लेकिन जब भी मुश्किल हालात में सलाह की जरूरत होती है तो वह अच्छी सलाह देते हैं।”
आईपीएल नीलामी पर निगाहें
अब मणिशंकर मुरसिंह चाहेंगे कि आईपीएल नीलामी में वह न सिर्फ चुने जाएं बल्कि उनके लिए ऊंची से ऊंची बोली लगे। बीसीसीआई ने मंगलवार को 350 खिलाड़ियों की एक छोटी लिस्ट जारी की, जिनकी अबुधाबी में 16 दिसंबर को होने वाले ऑक्शन में बोली लगेगी। मुरसिंह का नाम शुरुआती लिस्ट में नहीं था, लेकिन बाद में उन्हें नौ अतिरिक्त खिलाड़ियों में से एक के तौर पर जोड़ा गया, जिससे फाइनल संख्या 359 हो गई। वह आईपीएल 2024 में आईपीएल में मौका पाने के करीब थे जब उन्होंने राजस्थान रॉयल्स के लिए ट्रायल दिया था।
