IPL 2025: भारतीय लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल आईपीएल के 18वें सीजन में पंजाब किंग्स का प्रतिनिधित्व करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इस फ्रेंचाइजी ने चहल को खरीदने के लिए 18 करोड़ की बड़ी रमक खर्च की थी। चहल इससे पहले राजस्थान टीम का हिस्सा थे और तीन साल तक उन्होंने इस टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन किया साथ ही वो आईपीएल में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं, लेकिन फिर भी चहल को इस टीम ने रिटेन नहीं किया तो वहीं पंजाब ने उनके लिए मोटी रकम खर्च कर दी।

मैं इतनी कीमत डिजर्व करता था

नीलामी में 18 करोड़ में खरीदे जाने की बात पर चहल ने हिन्दुस्तान टाइम्स से बात करते हुए कहा कि मैं नीलामी के शुरुआती कुछ मिनटों से चूक गया क्योंकि मैं बहुत घबराया हुआ आत। नीलामी ऐसी ही होती है और आपको नहीं पता कि आप किस कीमत पर किस टीम में जाएंगे। आपके दिमाग में बहुत सारी बातें आती है, लेकिन मुझे खुशी है कि मैं पंजाब से खेलने जा रहा हूं। नीलामी के बाद जब मैंने खुद से पूछा तो मुझे अंदर से जवाब मिला कि हां, मैं इस कीमत का हकदार हूं।

अपनी गेंदबाजी पर है भरोसा

भारतीय लेग स्पिनर लेग-ब्रेक, कई तरह की गुगली और फ्लिपर सहित अपनी विविधताओं के लिए जाने जाते हैं। हालांकि चहल ने कहा कि टी20 क्रिकेट में सफलता महत्वपूर्ण क्षणों में सही निर्णय लेने के बारे में है, लेकिन आत्मविश्वास और अपने कौशल पर भरोसा सबसे ज्यादा मायने रखता है। चहल ने कहा कि मेरे पास चार वैरिएशन हैं (लेग-स्पिनर, दो तरह की गुगली, फ्लिपर) और मैं उन पर भरोसा करता हूं। सबसे महत्वपूर्ण बात है विश्वास। मैदान पर, आप मैच की परिस्थितियों पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं, यही मायने रखता है। यहीं पर आप तय करते हैं कि कब विकेट लेना है और कब रन रोकना है।

क्लासेन और पूरन को गेंदबाजी करना सबसे मुश्किल

चहल ने आईपीएल व इंटरनेशनल लेवल पर काफी मैच खेले हैं और उन्हें किस बल्लेबाजों को गेंदबाजी करना मुश्किल होता है इसके बारे में भी उन्होंने बताया। चहल ने अब तक कई हार्ड हिटिंग बल्लेबाजों का सामना किया है, लेकिन जब सबसे कठिन चुनौतियों की बात आती है, तो दक्षिण अफ्रीका के पावर हिटर हेनरिक क्लासेन और वेस्टइंडीज के विस्फोटक बल्लेबाज निकोलस पूरन को गेंदबाजी करना वो सबसे मुश्किल मानते हैं। चहल ने कहा कि हेनरिक क्लासेन एक हैं और निकोलस पूरन दूसरे हैं। उनके पास इतनी ताकत है कि कभी-कभी किनारे से भी छक्के निकल जाते हैं। ये दोनों ही हैं जो उन्हें सबसे ज्यादा चुनौती देते हैं।