रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु इंडियन प्रीमियर लीग के पहले सीजन से खेल रही है लेकिन 17 सीजन के बीतने के बाद भी यह टीम खाली हाथ है। उन्होंने अब तक एक बार भी आईपीएल की ट्रॉफी नहीं उठाई है। राहुल द्रविड़, विराट कोहली और फाफ डुप्लेसिस जैसे दिग्गज इस टीम के कप्तान रहे, वेस्टइंडीज के क्रिस गेल, साउथ अफ्रीका के एबी डिविलियर्स जैसे बड़े नाम इस टीम के लिए खेले लेकिन कभी चैंपियन नहीं बना पाए। अब इसी टीम का हिस्सा रहे शादाब जकाती ने टीम को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने टीम की नकामी के कारणों में से एक ड्रेसिंग रूम में भाईचारे की कमी बताया है।
2014 में आरसीबी के लिए खेले शादाब जकाती
लेफ्ट आर्म स्पिनर शादाब जकाती करियर की शुरुआत में चेन्नई सुपर किंग्स का हिस्सा रहे। वह 2010 और 2011 में खिताब जीतने वाली टीम में शामिल थे। साल 2014 में आरसीबी में शामिल हुए और केवल एक ही मैच खेले। इस सीजन में उन्होंने टीम को लेकर कई बातें समझीं जिसके बारे में उन्होंने बताया।
2-3 खिलाड़ियों पर रहता है मैनेजमेंट
स्पोर्ट्सकीड़ा ने शादाब के हवाले से लिखा, ‘”यह एक टीम गेम है। अगर आप ट्रॉफी जीतना चाहते हैं, तो टीम को एक इकाई की तरह खेलना होगा। 2-3 खिलाड़ी आपको ट्रॉफी जीतने में मदद नहीं कर सकते। चेन्नई के पास भारतीय खिलाड़ियों का एक मजबूत समूह और कुछ अच्छे विदेशी खिलाड़ी थे। अपना संयोजन बनाना महत्वपूर्ण है। जब मैं आरसीबी में था, तो वे केवल 2-3 खिलाड़ियों पर ध्यान केंद्रित करते थे।’
जकाती ने ड्रेसिंग रूम के माहौल के बारे में भी बात की और कहा कि टीम एक इकाई के रूप में अच्छी तरह से तालमेल नहीं बिठा पाई। जकाती ने कहा, “जहां तक टीम मैनेजमेंट और ड्रेसिंग रूम के माहौल का सवाल है, तो इसमें बहुत अंतर था। खिलाड़ी बहुत अच्छे थे, लेकिन कोई भाईचारा नहीं था, खिलाड़ी ठीक से तालमेल नहीं बिठा पाए।”
जकाती ने खिलाड़ियों की अच्छी देखभाल करने के लिए सीएसके मैनेजमेंट की भी तारीफ की। उन्होंने कहा, “जैसा कि मैंने कहा, टीम प्रबंधन की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। चेन्नई का मैनेजमेंट वास्तव में बहुत अच्छा था। उन्होंने अपने खिलाड़ियों का अच्छे से ख्याल रखा। ये छोटी-छोटी चीजें हैं जो बड़ा अंतर पैदा करती हैं। इसलिए, ये वो अंतर हैं जो मैंने सीएसके और आरसीबी में महसूस किए।”
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