चेन्नई सुपर किंग्स के लिए यह सीजन अब तक अच्छा नहीं रहा। टीम ने अपने पहले पांच मैच में से चार गंवाए हैं। टीम की हार से निराश फैंस दिग्गज खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी से भी नाराज हैं। धोनी की बल्लेबाजी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस बीच उनके पुराने साथी और पूर्व भारतीय बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा ने धोनी का पक्ष लिया है। उथप्पा का कहना है कि धोनी जिस तरह के खिलाड़ी हैं उन्हें बल्लेबाजी ऑर्डर में ऊपर आना चाहिए। साथ ही चेन्नई सुपर किंग्स को अहम सलाह भी दी।

एमएस धोनी के इंटेंट नहीं थी कमी

उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि एमएस धोनी में कभी भी इरादे की कमी थी। आईपीएल के बाहर भी, मेरा मानना ​​है कि धोनी ने दूसरों को जिम्मेदारी सौंपी है और उन्हें आने वाले वर्षों में क्या उम्मीद करनी है, इसकी स्पष्ट समझ दी है क्योंकि सीएसके चैंपियनशिप के लिए दावेदार टीम के रूप में फिर से तैयार हो रही है। यह बदलाव हो रहा है, और जबकि हम एमएस को उसी तरह से बल्लेबाजी करते देखना पसंद करेंगे, जैसा कि वह अभी कर रहे हैं, शायद क्रम में थोड़ा ऊपर, मुझे नहीं लगता कि समस्या अंत में है।”

चेज की शुरुआत थी अच्छी

पंजाब किंग्स ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 219 रन बनाए। उन्होंने इस दौरान छह विकेट खोए। चेन्नई सुपर किंग्स की टीम 20 ओवर में केवल 201 रन ही बना सकी। उथप्पा ने टीम के चेज के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, ‘धोनी ने अच्छी शुरुआत की, लगभग 9.8 या 9.9 रन प्रति ओवर स्कोर किया, जो कि उनके ओपनर के हिसाब से आप उम्मीद कर सकते हैं। लेकिन आप बीच के ओवरों में खेल को हाथ से जाने नहीं दे सकते, खासकर जब बड़े स्कोर का पीछा कर रहे हों। 7 से 12 ओवरों में एप्रोच बहुत शांत थी।’

बीच के ओवर में जीता जाता है गेम

अपनी बात जारी रखते हुए कहा, ‘आपको विपक्ष पर दबाव बनाए रखने के लिए पावरप्ले के ठीक बाद बड़े ओवरों की आवश्यकता होती है। पावरप्ले जीतना एक बात है, लेकिन बीच के ओवरों पर कब्ज़ा करना आपको गेम जिताता है और वे फिर से ऐसा करने में विफल रहे। आखिरी दो ओवरों में उन्हें 42 रन चाहिए थे, जो कि बहुत ज़्यादा है। अगर वे बीच में 15 से 20 रन के कुछ ओवरों में कामयाब हो जाते, तो यह समीकरण अंत में सिर्फ़ 22 से 25 रनों की ज़रूरत पर आ सकता था। इरादा बस वहां नहीं था।’