GT vs CSK: चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी जब मैदान पर होते हैं तो वह सिर्फ खेल से ही नहीं बल्कि अपने दिमाग से भी विरोधी को पस्त कर देते हैं। उनकी टीम ने मंगलवार को 10वीं बार आईपीएल के फाइनल में जगह बनाई। टीम ने क्वालिफायर में गुजरात टाइटंस को मात दी और फाइल का टिकट कटाया। इस मैच के दौरान चेन्नई के खिलाड़ियों ने तो शानदार खेल दिखाया ही फैंस को धोनी का मास्टरमाइंड अंदाज देखने को भी मिला।
पथीराना को अंपायर्स ने रोका
महेंद्र सिंह धोनी इस मैच के दौरान एक बार फिर अंपायर से लंबी बहस करते नजर आए थे। इस लंबी बातचीत की वजह थे मथीशा पथीराना। पथीराना मैच में इंपैक्ट प्लेयर के तौर पर खेल रहे थे। 16वें ओवर से पहले पथीराना मैदान से बाहर थे। उस समय गुजरात को पांच ओवर में 71 रन बनाने थे। धोनी चाहते थे कि पथीराना ओवर डाले। अगर ऐसा न होता तो धोनी को छठे गेंदबाज की मदद लेनी पड़ती जो कि महंगा साबित हो सकता था।
धोनी ने जानबूझकर बर्बाद किया समय
अंपायर ने पथीराना को गेंद डालने से रोक दिया। नियम के मुताबिक अगर खिलाड़ी मैदान से बाहर जाता है तो वह एक तय समय के बाद ही गेंदबाजी कर सकता है। पथीराना को लगभग 8 मिनट बाद गेंदबाजी का मौका मिलता। धोनी इसी को लेकर अंपायर से बातचीत करते लगे और लगभग 8 मिनट तक बात करते रहे। इस दौरान पथीराना के इंतजार का समय भी खत्म हो गया।
पथीराना ने दिलाई टीम को जीत
धोनी ने बातचीत खत्म की और पथीराना को गेंद थमाई। फैंस का कहना था कि धोनी ने जानबूझकर समय बर्बाद किया ताकी पथीराना को गेंदबाजी मिल सके। अंपायर भी इस बारे में कुछ नहीं कर सकते थे। वह 8 मिनट बाद पथीराना को रोक नहीं सकते थे। फैंस धोनी के इस मास्टरस्ट्रोक के फैन हो गए। पथीराना ने उस ओर में 13 रन दिए लेकिन अगले ही ओवर में पहले विजय शंकर और दर्शन नालकंडे का विकेट हासिल किया। आखिरी ओवर की आखिरी गेंद पर पथीराना ने मोहम्मद शमी का विकेट लिया और टीम की जीत तय की।