टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर का कहना है कि आज के समय में क्रिकेट में बेल्स की जरूरत नहीं हैं। इसके इस्तेमाल को बंद करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि क्रिकेट में पहले से ही बहुत से जटिल नियम हैं और इससे इसमें और इजाफा होता है। राजस्थान और दिल्ली के बीच मैच के दौरान युजवेंद्र चहल की गेंद पर डेविड वार्नर बोल्ड हुए और गिल्लियां न गिरने के कारण वह आउट नहीं हुए। गेंद लगने के बाद स्टंप की लाइट्स जलीं, लेकिन क्रिकेट के नियमों के अनुसार गिल्लियां न गिरने को कारण वह आउट नहीं हुए। ऐसे में अब इसे लेकर बहस छिड़ गई है।

जब ट्रेक्नलॉजी का इतना इस्तेमाल नहीं होता था तब क्रिकेट में बेल्स का उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता था कि गेंद विकेट से टकराई या नहीं। मांजरेकर समेत अन्य क्रिकेट पंड़ितों का मानना है कि आज की तकनीक को देखते हुए बेल्स को हटाया जा सकता है। फिलहाल एलईडी बेल्स उपयोग में हैं। विकेट से संपर्क खोने के बाद वे जलते हैं। वहीं एईडी विकेट्स टच होते ही जल जाते हैं, ऐसे में अगर बेल्स का इस्तेमाल बंद होने पर फैसला देने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

मांजरेकर ने ईएसपीएनक्रिकइंफो के टी20 टाइम आउट पर कहा, “मैंने यह पहले भी कहा है, अब एलईडी स्टंप के साथ बेल्स लगाना बेमानी है। आज चहल को विकेट मिलना चाहिए था, जिसने शानदार गेंदबाजी की। वार्नर ने खराब शॉट खेली थी और उन्हें विकेट नहीं मिला। अगर बेल्स से बहुत लाभ नहीं मिल रहा तो, उनका इस्तेमाल बंद होना चाहिए। “

मांजरेकर ने आगे कहा, “बेल्स का उपयोग केवल यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता था कि गेंद स्टंप्स से टकराई है। अगर गेंद सिर्फ स्टंप्स पर धीरे से छूकर निकल जाती है तो आपको इसके बारे में पता नहीं चलेगा। इसी वजह से इनका इस्तेमाल होता है। अगर स्टंप पर गेंद लगती थी तो इसे गिरना चाहिए। लेकिन अब जब आपके पास सेंसर है, तो आपको पता चल जाता है कि गेंद स्टंप्स पर लगी है, तो अब बेल्स क्यों हैं?”

मांजरेकर हमेशा क्रिकेट में बड़ी भूमिका निभाने वाली तकनीक के पक्षधर रहे हैं। 2013 में उन्होंने गेंदबाजों के एक्शन पर की लाइव निगरानी के लिए तकनीक के इस्तेमाल का आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा, “यदि आपके पास तकनीक है, तो बेल्स का इस्तेमाल मत कीजि। बेल्स के साथ दूसरी समस्या यह है कि जब कोई स्टंपिंग होती है, तो आप उसके जलने का इंतजार करते हैं और फिर आप यह देखते हैं कि क्या दोनों बेल्स स्टंप हो गई हैं। इसके कारण स्टंपिंग या रन आउट के फैसले में बस बहुत सी जटिलताएं होती हैं। इसे सरल बनाएं।”