इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2021 के दोबारा शुरू होने से पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने स्वास्थ्य और सुरक्षा के मद्देनजर प्रोटोकॉल जारी किया है। स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुसार के अनुसार, टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाले किसी भी विदेशी खिलाड़ी को क्वारंटीन नहीं होना होगा, लेकिन फ्रेंचाइजी सदस्यों और खिलाड़ियों के परिवार ने यदि बॉयो बबल तोड़ा उन्हें सजा मिलेगी।

आईपीएल 2021 का बकाया सीजन अगले महीने से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में शुरू होना है। इस साल अप्रैल में की बॉयो बबल उल्लंघन के बाद आईपीएल 2021 को निलंबित कर दिया गया था। अब 19 सितंबर से यूएई में इसके शेष मुकाबले खेले जाएंगे। पहला मैच चेन्नई सुपर किंग्स और गत चैंपियन मुंबई इंडियंस के बीच होना है। आईपीएल गर्वनिंग काउंसिल की ओर से जारी प्रोटकॉल में कहा गया है, ‘फ्रेंचाइजी सदस्य या उनके परिवारों पर जैविक रूप से सुरक्षित माहौल के किसी भी प्रोटोकॉल के उल्लंघन के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।’

आईपीएल में दुनिया भर से खिलाड़ी शिरकत करेंगे इसमें ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज और बांग्लादेश के क्रिकेटर्स भी शामिल हैं। प्रोटोकॉल के अनुसार, ‘सभी फ्रेंचाइजी टीम के सदस्यों को कोविड-19 आरटी-पीसीआर परीक्षण कराना होगा, जो उनकी फ्लाइट से 72 घंटे पहले का होना चाहिए। सभी को खुद को पृथकवास में रखना होगा और आरटी-पीसीआर परीक्षण के बाद अन्य से संपर्क से बचना होगा।’

प्रोटोकॉल में यह भी कहा गया है, ‘भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले यात्रियों के लिए कि यह अनिवार्य है कि COVID-19 PCR (कोविड-19 पीसीआर) रिपोर्ट में सत्यापन प्रक्रिया के लिए मूल रिपोर्ट से जुड़ा एक क्यूआर कोड शामिल हो।’

प्रोटोकॉल ने उस प्रक्रिया को भी निर्धारित किया जो फ्रैंचाइजी टीम के सदस्य और उनके परिवार बॉयो बबल के भीतर प्रवेश करने और रहने के लिए करेंगे। इसके मुताबिक, ‘वे केवल अपरिहार्य परिस्थितियों में ही बॉयो बबल छोड़ सकते हैं। हालांकि, अनिर्धारित यात्राओं के लिए बॉयो बबल छोड़ने से पहले बीसीसीआई के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से पूर्व अनुमति लेनी होगी।’

प्रोटोकॉल में कहा गया है, ‘बॉयो बबल में फिर से प्रवेश की अनुमति केवल 6 दिन का क्वांरटीन पूरा करने के बाद ही दी जाएगी। साथ ही दूसरे, चौथे और छठे दिन एकत्र किए गए नमूनों की आरटी-पीसीआर जांच भी निगेटिव आई होनी चाहिए।’ प्रोटोकॉल में यह भी बताया गया है कि अगर किसी को किसी जांच के लिए अस्पताल जाना पड़े तो क्या किया जाना चाहिए।

प्रोटोकॉल के अनुसार, ‘असाधारण परिस्थितियों में, यदि बॉयो बबल के भीतर रह रहे सदस्यों को जांच या उपचार के लिए अस्पताल जाना आवश्यक है, तो ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा, ताकि वे बायो-सिक्योर बबल्स से बाहर के किसी भी व्यक्ति के निकट संपर्क में आने से बच सकें।’