इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2021 के बचे हुए 31 मैचों के मुकाबले यूएई में खेले जाने हैं। इसके लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड BCCI) ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। कोरोनावायरस महामारी के कारण IPL को बीच मे ही स्थगित कर दिया गया था। तब तक भारत में 29 मैचों का आयोजन किया जा चुका था।
IPL पार्ट-2 के लिए बीसीसीआई ने यूएई में होने वाले मुकाबलों के लिए 46 पन्नों की एक हेल्थ एडवाइजरी जारी की है। इनसाइड स्पोर्ट्स में छपी खबर के मुताबिक, इस एडवाइजरी में कहा गया है कि, अगर गेंद स्टैंड में चली जाए तो उसे फिर दोबारा इस्तेमाल में नहीं लाया जाएगा। उसकी जगह नई गेंद ली जाएगी। जो गेंद स्टैंड में जाएगी उसे अच्छी तरह से सैनिटाइज करने के बाद बॉल लाइब्रेरी में रख दी जाएगी।
अगर किसी गेंदबाज ने छक्का (Sixer) लगाया और वह गेंद स्टैंड में चला गई तो उस मुकाबले में उस गेंद का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। उसकी जगह दूसरी गेंद का इस्तेमाल किया जाएगा। आईपीएल 2021 का दूसरा चरण 19 सितंबर से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में खेला जाना है।
BCCI ने हर टीम और IPL खिलाड़ियों से निम्न बातों का पालन करने के लिए कहा है
- बायो-बबल में प्रवेश करने से पहले सभी फ्रेंचाइजी को छह दिनों के लिए क्वारंटीन करना होगा।
- बीसीसीआई ने 14 बायो-बबल लगाने का फैसला किया है। इनमें से आठ फ्रैंचाइजी के होंगे।
- 8 बॉयो बबल के अलावा 3 बॉयो बबल मैच अधिकारी और मैच मैनेजमेंट टीम के होंगे, जबकि 3 बॉयो बबल्स, ब्रॉडकास्ट कमेंटेटर और क्रू मेंबर्स के लिए होंगे।
- एक बॉयो बबल के भीतर टीम के सदस्यों को बीसीसीआई द्वारा मान्यता प्राप्त बसों और कारों के बेड़े से ही यात्रा करनी होगी, जिन्हें नियमित रूप से सैनिटाइज किया जाएगा।
- ऐसे सभी वाहनों के चालक भी अपने-अपने बॉयो-बबल में रहेंगे।
- इंग्लैंड बनाम भारत सीरीज, श्रीलंका बनाम दक्षिण अफ्रीका सीरीज और कैरेबियन प्रीमियर लीग (सीपीएल) के लिए बनाए गए बॉयो बबल से सीधे आने वाले खिलाड़ियों और टीम के सहायक कर्मचारियों को अनिवार्य संगरोध अवधि की सेवा के बिना फ्रैंचाइजी टीम में शामिल होने की अनुमति दी जा सकती है।
एडवाइजरी में मीडिया और फैंस के लिए कहा गया है, मीडिया के लोगों समेत आम जनता को बॉयो बबल में जाने की मंजूरी नहीं होगी। साथ ही स्टेडियम में भी किसी भी गतिविधि की अनुमित नहीं दी जाएगी। इसके अलावा, इसमें शामिल प्रत्येक एजेंसी और स्थल को अपने पर्यावरण और संबंधित प्रक्रियाओं का जोखिम मूल्यांकन करना चाहिए जैसा कि वे आमतौर पर करते हैं।
डोपिंग कंट्रोल पर्सनेल (डीसीपी) भी यूएई में आने से पहले और बाद में उसी सोशल डिस्टेंसिंग और टेस्टिंग प्रोटोकॉल का पालन करेंगे, जिसका पालन फ्रेंचाइजी टीमों द्वारा किया जाता है। डीसीपी को बायो-सिक्योर एनवायरनमेंट प्रोटोकॉल के तहत भी कवर किया जाएगा। उनके लिए एक अलग बायो-सिक्योर बबल बनाया जाएगा।