चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मुकाबले में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मंगलवार यानी 22 सितंबर को मैदानी अंपायर द्वारा अपने फैसले को बदलने के कारण निराश हो गए। अंपायर ने बल्लेबाज को आउट देने क बाद तीसरे अंपायर से मदद मांगी जिसमें उनके फैसले को बदल दिया गया। राजस्थान की पारी के 18वें ओवर में टॉम करन को आउट दिए जाने के बावजूद रिव्यू लेने के अंपायरों के फैसले से धोनी खुश नहीं दिखे।

दीपक चाहर की गेंद पर विकेटकीपर धोनी द्वारा गेंद पकड़े जाने के बाद मैदानी अंपायर सी शम्सुददीन ने टॉम करन को आउट दे दिया। राजस्थान के पास रिव्यू नहीं बचा था और बल्लेबाज पवेलियन लौटने लगा। इसके बाद हालांकि, लेग अंपायर विनीत कुलकर्णी से बात करने के बाद शम्सुददीन को अपनी गलती का अहसास हुआ। उन्होंने तीसरे अंपायर से मदद मांगी। शम्सुददीन के इस फैसले से धोनी निराश दिखे। वह अपनी आपत्ति दर्ज कराने अंपायर के पास पहुंच गए। हालांकि, टेलीविजन रीप्ले में दिखा की गेंद धोनी के दस्तानों में जाने से पहले टप्पा खा चुकी थी। तीसरे अंपायर ने मैदानी अंपायर का फैसला बदल दिया, जिससे धोनी नाखुश दिखे।

संयोग से, पिछले साल जयपुर में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ ही धोनी ने कमर से ऊपर फुलटॉस गेंद को नो बॉल नहीं दिए जाने के बाद मैदानी अंपायर उल्हास गान्धे के खिलाफ आपा खो दिया था। उस मैच के आखिरी ओवर में विवाद हुआ था। बेन स्टोक्स ओवर फेंक रहे थे। अंपायर उल्हास गान्धे ने शुरुआत में नो-बॉल का इशारा करने के लिए हाथ उठाया, लेकिन लेग अंपायर ब्रूस ऑक्सेन फोर्ड की तरफ से गेंद के कमर से ऊपर रहने का कोई संकेत नहीं मिला।

इसके बाद गान्धे ने नो-बॉल नहीं दी। यह देख धोनी को गुस्सा आ गया। वह उस वक्त मैदान से बाहर थे। धोनी मैदान में घुसकर अंपायर से बहस करने लगे। हालांकि, अंपायर का फैसला नहीं बदला। बाद में धोनी पर मैच फीस का 50% जुर्माना लगाया गया था। महेंद्र सिंह धोनी को खिलाड़ियों की आचार संहिता के उल्लंघन करने का दोषी पाया गया था।

बता दें कि इस मैच में राजस्थान रॉयल्स ने चेन्नई सुपरकिंग्स को 16 रनों से हरा दिया। इसके साथ ही वह अंक तालिका में शीर्ष पर पहुंच गया। राजस्थान का आईपीएल 2020 में यह पहला मैच था, जबकि चेन्नई का दूसरा। चेन्नई ने अपने पहले मैच में मुंबई इंडियंस के खिलाफ जीत हासिल की थी।