कोरोनावायरस ने पूरी दुनिया पर अपना कहर ढा रखा है। इसके कारण दुनिया की रफ्तार थम सी गई है। खेल भी इससे अछूते नहीं हैं। यूरोपीय देशों के मुकाबले भारत पर अभी इसका बहुत असर नहीं पड़ा है, लेकिन इसके कारण दुनिया के सबसे बड़े टी20 टूर्नामेंट यानी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को टालना पड़ा है। हालांकि, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) इसके आयोजन के हर संभावित तरीके खोजने में जुटा है। ऐसे में बीसीसाई क्या कोविड-19 कोरोनावायरस के प्रकोप के बीच सुरक्षित तरीके से आईपीएल करा पाएगा, यह एक बड़ा सवाल है।
गत शनिवार फ्रैंचाइजी मालिकों ने बीसीसीआई के पदाधिकारियों और आईपीएल के गवर्निंग काउंसिल के सदस्यों से इस मामले पर चर्चा की थी। इसके बाद प्लान बी के तौर पर यह सामने आया था कि 20 अप्रैल के बाद मैचों की संख्या कम करके इसे कराया जाए। हालांकि, अब मीडिया में ऐसी खबरें आ रही हैं कि प्लान बी जैसी कोई चीज नहीं है। सिर्फ प्लान ए है, जिसमें टूर्नामेंट के सभी 60 मैचों के आयोजन कराने की योजना है। इसके लिए यदि यह अभी नहीं हो सकता तो बाद में भी किया जा सकता है। यदि भारत में नहीं हो पाया तो विदेश में आयोजित कराया जा सकता है। यदि सभी खिलाड़ी उपलब्ध नहीं हुए तो कुछ खिलाड़ियों के साथ ही इसका आयोजन हो सकता है।
इस साल के लिए फ्यूचर टूर्स प्रोग्राम (एफटीपी) पर गौर करें तो जुलाई और सितंबर के बीच बहुत कम मुकाबले होने हैं। सितंबर में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में एशिया कप टी20 होना है। इस दौरान पाकिस्तान की टीम आयरलैंड और नीदरलैंड के घरेलू मैदान पर क्रमशः टी20 और वनडे सीरीज खेलेगी। अगस्त में वह इंग्लैंड की मेजबानी में टेस्ट सीरीज खेलेगा।
यदि इंग्लैंड और पाकिस्तान को अलग कर दें तो क्रिकेट खेलने वाले अधिकांश देश ऑस्ट्रेलिया, वेस्टइंडीज, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के एक भी मैच नहीं हैं। श्रीलंका, बांग्लादेश और अफगानिस्तान एशिया कप में भी हिस्सा लेंगे। सितंबर में एशिया कप को छोड़ दें तो टी20 वर्ल्ड कप से पहले भारत को ऑस्ट्रेलिया में तीन वनडे और श्रीलंका में 3 टी20 की सीरीज खेलनी है।
2009 में दक्षिण अफ्रीका में आईपीएल के मुकाबले 37 दिन तक चले थे। अगर उसी तरह की तारीखें उपलब्ध रहीं तो आईपीएल को आंशिक रूप से भारत और विदेश में आयोजित कराया जा सकता है। पूरा टूर्नामेंट भी विदेश में कराया जा सकता है। हालांकि, यह सब इस पर निर्भर करेगा कि वैश्विक स्तर पर कोविड -19 का असर कैसा है?